श्रावस्ती : में चीन में फैले कोरोना वायरस को लेकर बौद्धस्थली श्रावस्ती में सतर्कता और तेज हो गई है। सीएचसी इकौना में भी एक वार्ड बनाया गया है। इसके अलावा सभी होटलों और मठ मंदिरों में रुकने वाले विदेशियों की जांच पड़ताल तेज कर दी गई है।
श्रावस्ती में दर्शन के लिए बड़ी संख्या में विदेशियों के आने के कारण प्रशासन बहुत सतर्कता बरत रहा है। एक फरवरी से खुलने वाले डेन महामंकोल मंदिर को तो पहले ही अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। इसके अलावा होटलों और मठ मंदिरों में रुकने वाले विदेशी यात्रियों की सघन जांच की जा रही है। किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सीएचसी इकौना में एक अलग वार्ड बनाया गया है। लेकिन वार्ड में अभी तक कोई मरीज भर्ती नहीं हुआ है। सीएचसी अधीक्षक डा. अजय कुमार मिश्र ने बताया कि सीएचसी में आयशोलेशन वार्ड बनाकर चार वेड आरक्षित किये गये हैं। वायरस से पीड़ित मरीजों का इलाज इसी वार्ड में किया जाएगा। वायरस के लक्षण के बारे में लोगों को जानकारी भी दी जा रही है। इसके अलावा विदेशी यात्रियों से दूरी बनाए रखने की भी सलाह दी जा रही है।
हुई होटलों और मंदिरों की जांच
कोरोना से सतर्कता के लिए सीएचसी अधीक्षक श्री मिश्र की अगुवाई वाली मेडिकल टीम ने श्रावस्ती के होटलों और मंदिरों में जांच की। अधीक्षक ने बताया कि उन्होंने डा. अनिल त्रिपाठी व स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी अब्दुल हन्नान के साथ में जांच की है। जिसमें प्लेटिनम होटल में थाईलैंड के 70, पवन पैलेस में 09, निक्को लोटस होटल में ताईवान के 28, रेजीडेंसी होटल में इंडोनेशिया के 41, लोटस सूत्र होटल में वर्मा के 05 विदेशी यात्रियों की जांच की जा चुकी है। लेकिन किसी भी विदेशी में वायरस के लक्षण नहीं मिले हैं। जांच के दौरान होटल और मंदिर प्रबंधकों को सचेत भी किया जा रहा है और संदिग्ध मिलने पर तुरंत सूचित करने को भी कहा गया है।
वापस किए जा रहे हैं चीनी यात्री
कोरोना वायरस से निपटने के लिए श्रावस्ती से चीनी यात्रियों को बिना दर्शन के वापस भी किया जा रहा है। श्रावस्ती चौकी प्रभारी अनिल कुमार दीक्षित ने बताया कि सभी मंदिरों और होटलों में पुलिस की सतर्कता बढ़ा दी गई है। यदि चीन का कोई दल श्रावस्ती आता है तो बिना दर्शन किए उसे वापस कर दिया जाता है। इसके चीन के बौद्ध भिक्षु भी शामिल होते हैं।
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