गोंडा जिले : में सेक्रेटरी व प्रधान के बीच हुई वार्ता का एक आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। आडियो में सेक्रेटरी दबंगई से ग्रामसभा में होने वाले कार्यों में बंदरबांट की बात स्वीकार भी कर रहा है। ऑडियो वायरल होने के बाद महकमे में हड़कम्प मच गया। मुख्य विकास अधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए सेक्रेटरी के विरुद्ध जांच के आदेश भी दिए। यही नहीं उन्होंने जांच पूरी होने तक सेक्रेटरी को विभागीय कार्यों से विरत रखने का आदेश भी दिया है। यह ऑडियो इस समय पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।
विकास खंड इटियाथोक में तैनात सेक्रेटरी राकेश तिवारी अपने कार्यों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। मनरेगा में गड़बड़ी को लेकर भी उन पर कई आरोप लगे हैं। अब एक बार फिर वह प्रधान के साथ हुई बातचीत के ऑडियो वायरल होने के मामले में सुर्खियों में आ गए हैं। बताया जाता है कि आडियो में सेक्रेटरी ने बिना कार्य किए शासन स्तर से पुरस्कार भी दिलवाने की बात की है। साथ ही गांवों को ओडीएफ से मुक्त करने के लिए आए हुए बजट की 15 लाख रकम को भी बिना कार्य करवाए निर्गत करने की भी बात कही है।
ऑडियो में सेक्रेटरी का बड़बोलापन सामने आया : सेक्रेटरी ने ऑडियो में अपने 18 साल के सेवा कार्यों के बारे में कहा है कि जिले ही नहीं प्रदेश स्तर पर हमसे बड़ा दबंग सेक्रेटरी कौन है। ग्राम स्तर पर आए बजट को बिना कार्य कराए कैसे निकालना है यह उसके बाएं हाथ का खेल है। वायरल हुए ऑडियो में सेक्रेटरी ने कहा कि ग्राम पंचायत मेहनौन, दुल्हमपुर और इटियाथोक में मनरेगा के कार्यों पर करोड़ों रुपए की रकम को बिना कार्य कराए निर्गत भी कर लिया गया। कहा कि बिना टेक्नीशियन सेक्शन और कागजात के बगैर हम कोई भी कार्य नहीं करते। क्षेत्र पंचायत हो या ग्राम निधि सबके खर्चे तय हैं। विकास खंड से लेकर जिले पर अधिकारियों के कमीशन के रकम को देना पड़ता है। जब कागजात से मजबूत रहेंगे तो फिर ग्राम पंचायत में कार्य हो या न हो धन की निकासी कर 60 और 40 के रेसियो के हिसाब से प्रधान और सेक्रेटरी के बीच धन का बंदरबाट का खेल हो जाता है। उन्होंने प्रधान से कहा कि भविष्य में प्रधान चुनाव होने वाले है इसलिए क्षमता हो तो करो पेमेंट निर्गत की जिम्मेदारी हमारी।
सेक्रेटरी ने कहा कि राकेश तिवारीतीन गांवों के प्रधानों ने साजिश के तहत यह ऑडियो वायरल किया है। इससे मेरा कोई सरोकार नहीं है। नियम विरुद्ध एक प्रधान का लड़का रोजगार सेवक है। इस सम्बन्ध में आख्या मांगी थी, इसी को लेकर कई प्रधानों ने साजिश रची है।
मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने कहा कि वायरल ऑडियो की जानकारी मिली है। इसकी फारेसिक जांच के साथ संबंधित सेक्रेटरी राकेश तिवारी को जांच पूरी होने तक विभागीय कार्य से वितर रखने का आदेश दिया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद प्राथमिकी भी दर्ज करवाई जाएगी।
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