गोंडा : में बेसिक शिक्षा को संवारने और डेस्क व बेंच की योजना में छह करोड़ रुपये के बजट में हेराफेरी की बात सामने आई है। शासन की टीम ने 14 स्कूलों की जांच कर हेराफेरी का खुलासा किया। अब 14 स्कूलों के हेड मास्टर के विरुद्घ कार्रवाई तय की जा रही है। महानिदेशक स्कूली शिक्षा ने हेराफेरी करने वाले हेडमास्टरों के विरुद्ध कार्रवाई कर 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है। सहायक शिक्षा निदेशक ने स्कूलों में मिली गड़बड़ियों की रिपोर्ट बीएसए को भेजकर कार्रवाई का ब्यौरा मांगा है।
शासन ने स्कूलों को संवारने के लिए छात्र संख्या के आधार पर बजट जारी किया था। इसके अलावा डेस्क व बेंच के लिए बजट दिया गया था। स्पोर्ट किट के लिए भी बजट जारी हुआ था। इन बजट से स्कूलों की व्यवस्था को बेहतर बनाने की कार्रवाई होनी थी। स्कूलों में बजट खर्च होने की जांच हुई तो बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई। जांच टीम ने जिले के बेलसर के प्राइमरी स्कूल लंबरदारपुरवा, बकौलीपुरवा, करनैलगंज के उच्च प्राथमिक काशीपुर पूरे शुक्लन, झंझरी के पूर्व माध्यमिक स्कूल इमरती विशेन में कंपोजिट स्कूल ग्रांट की जांच की।
इस पर बजट व्यय का विवरण ही इन स्कूलों में नहीं मिला। इसके अलावा हलधरमऊ के प्राथमिक विद्यालय बालपुर द्वितीय में खरीदी गई सामग्री ही नहीं मिली। जिले के 18 स्कूलों के हैंडपंपों की मरम्मत के लिए करीब 13 लाख रुपये का बजट मिला था। बजट तो कार्यदाई संस्था को भेज दिया गया, लेकिन कार्य की कोई जानकारी विभाग के पास नहीं मिली।
वर्ष 2017-18 में 439 स्कूलों में विद्युतीकरण के लिए एक करोड़ 60 लाख का बजट दिया गया था। करनैलगंज के पूर्व माध्यमिक स्कूल काशीपुर पूरे शुक्लन की जांच में विद्युतीकरण होना ही नहीं मिला। इमरती विशेन की जांच में मानक के वितरीत कार्य मिले।
इसी तरह 90 पूर्व माध्यमिक स्कूलों में फर्नीचर के लिए एक करोड़ 60 लाख का बजट मिला था और 86 स्कूलों में फर्नीचर देने की कार्रवाई भी हुई। जांच में डेस्क व बेंच मानक के विपरीत मिले हैं। वर्ष 2018-19 में जिले के 55 स्कूलों में चहारदीवारी निर्माण के लिए तीन करोड़ से अधिक का बजट मिला था। आरईएस को बजट दिया गया मगर कार्य समय से पूरे नहीं हुए।
इसके अलावा मानक के विपरीत निर्माण होना मिला है। स्पोर्ट्स ग्रांट से स्कूलों को बजट दिया गया था। टीम ने स्कूलों की जांच की तो खेल सामग्री मानक के विपरीत मिली। राज्य स्तरीय टीम ने जिले के सिर्फ 14 स्कूलों की जांच से ही योजनाओं के लिए दिए गए बजट में गड़बड़ी का खुलासा किया है। बजट में अनियमितता के दोषी अधिकारियों और प्रधानाध्यापकों के विरुद्घ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
बेसिक शिक्षा के बजट में जिस तरह अनियमितता उजागर हुई, उसमें सुधार के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके साथ ही जिम्मेदारी भी तय की जानी है। कई मामलों में तो सीधे प्रधानाध्यापक जिम्मेदार हैं, लेकिन दो योजनाओं में कार्यदाई संस्थाओं के साथ ही विभाग के अधिकारी भी जिम्मेदार हैं। चहारदीवारी निर्माण में आरईएस के अधिकारी भी कार्रवाई के दायरे में आ रहे हैं। इसके अलावा डेस्क व बेंच की आपूर्ति में फर्म पर भी कार्रवाई होनी तय है। स्कूलों में डेस्क बेंच की आपूर्ति में बड़े खेल सामने आए हैं।
सहायक शिक्षा निदेशक, बेसिक शिक्षा विनय मोहन वन ने बताया कि राज्य स्तर से आई टीम ने 14 स्कूलों की जांच में अनियमितता उजागर की है। जिसकी रिपोर्ट महानिदेशक की ओर से भेजकर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। बीएसए को जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। बीएसए मनिराम का कहना है कि स्कूलों में वर्ष 2017-18 व 2018-19 में जारी बजट के बारे में राज्य स्तर की टीम ने जांच की है। मिले निर्देशों के आधार पर कार्रवाई तय की जा रही है।
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