हराइच जिले :में कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग का प्राकृतिक नजारा हमेशा से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है। भ्रमण के दौरान पर्यटकों को जब कभी जंगल के राजा दिख जाते हैं, तो यह पल उनके जीवन में हमेशा के लिए यादगार बन जाता है।
बुधवार को जामिया मिलिया विश्वविद्यालय नई दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद जोहेब, धनबाद सीएसआईआर सेंटर में कोल रिसर्च के साइंटिस्ट डा. इश्तियाक अहमद तथा फोटोग्राफर मो. उमैर बुधवार को सुबह कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग का भ्रमण कर रहे थे। इसी दौरान सुबह कतर्नियाघाट से कैलाशपुरी जाने वाले मार्ग पर गेरुआ नदी के किनारे बाघ को बैठा देखकर सभी पर्यटकों के होश उड़ गए। बाघ को खुलेआम जंगल में देखकर सभी पर्यटक अवाक रह गए।
पर्यटकों ने बताया कि करीब 5 मिनट तक वनराज हमारे सामने बैठे आराम फरमाते रहे। उसके बाद चहल कदमी करते हुए झाड़ियों में जाकर कहीं गुम हो गए। पर्यटकों का कहना है कि इस तरह अचानक बाघ से सामना होने पर हम सभी घबरा गए थे, किंतु अब उस पल के बारे में सोचकर काफी रोमंचित महसूस कर रहे हैं।
कतर्नियाघाट भ्रमण पर आए सीएसआईआर सेंटर धनबाद के कोल रिसर्च साइंटिस्ट डा. इश्तियाक अहमद ने कतर्नियाघाट की सुंदरता की प्रशंसा करते हुए बताया कि यहां का प्राकृतिक वातावरण स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। भ्रमण के दौरान उन्हें यहां अनेक उपयोगी औषधियों के वृक्ष नजर आए। उन्होंने अपेक्षा की कि सरकार को यहां औषधि के लिए रिसर्च सेंटर खोलना चाहिए।
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