गोण्डा : में रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडरिंग का धंधा यूं ही नहीं होता। इस धंधे के संचालन के पीछे जीआरपी पुलिस का हाथ साफ-साफ नजर आता है। कुछ ऐसा ही खुलासा सोमवार को उस वक्त हुआ जब मुम्बई से चलकर गोरखपुर जाने वाली अवध एक्सप्रेस बांद्रा टर्मिनस सोमवार को दोपहर एक बजे गोण्डा स्टेशन के दूसरे प्लेटफार्म पर खड़ी थी। जनरल कोच के सभी डिब्बों में खाना, पानी की बोतलें और पान मसाला बेचने वाले अवैध वेंडर खुलेआम आवाज़ें दे देकर सामान बेच रहे थे। इसे देखकर संवाददाता ने मोबाइल से फोटो खींचनी चाही। बस कैमरे पर नजर पड़ते ही कुछ वेंडर कोच से कूदकर बाहर भागे। प्रतिबंधित ब्रांड की पानी की बोतलें लिए कुछ युवक पटरियों के रास्ते पहले प्लेटफार्म के पूर्वी छोर की ओर भागे और जीआरपी थाने के पास जाकर कहीं गुम हो गए। बाद में बोतलों का जखीरा थाने के ठीक पीछे मिला। यहां कम्बल, बोरे और दरी में छुपाकर रखी गईं प्रतिबंधित ब्रांड की लगभग 150 पानी की बोतलें मिली।
खाना खाकर आता हूं : इस बाबत जीआरपी प्रभारी रमेश कुमार को फोन पर जानकारी दी गई तो पहले वो इधर उधर की बात करते रहे फिर बोले मैं खाना खाकर ही आ सकता हूं, तब तक आप देखिए। आधे घण्टे कोई नही पहुंचा। अगले दो घण्टों तक मौके पर बोतलों को जब्त करने की जहमत नही उठाई गई। इसके चलते साफ हो गया कि स्टेशन पर अवैध वेंडरिंग का धंधा कहीं न कहीं संरक्षण में चल रहा है। हालांकि जीआरपी प्रभारी ने सोमवार देर शाम बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है। थाने के पीछे बोतलों का मिलना इत्तेफाक है। उन्होंने कहा कि अवैध वेंडरिंग में संलिप्तता की बात निराधार है।
आरपीएफ के बोल : इस सम्बंध में आरपीएफ इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार ने बताया कि वे फिलहाल मुख्यालय पर नहीं हैं। आते ही सम्बन्धित मामले को गंभीरता से देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अवैध वेंडरिंग पर लगाम लगाने के लिए लगातार अभियान चलाया जाता है।
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