बहराइच जिले : में विश्व कल्याण की कामना एवम समृद्धि के लिए रिसिया कस्बे में सहस्र शत चंडी का पाठ चल रहा था। अंतिम दिन भव्य तरीक़े से महा आरती कार्यक्रम आयोजित किया गया।
रिसिया के श्री संतोषी माता व श्रीश्याम बाबा मंदिर में पिछले सात दिनों 55 ब्राह्मणों की ओर से सहस्त्र शत चंडी सम्पुटपाठ का जाप किया जा रहा था। सुबह 7 बजे से 11 बजे तक तथा शाम 3 बजे से 7 बजे तक जाप किया गया। इसके बाद शाम 5 बजे से 6 बजे तक हवन कार्य पूरे कराए गए। दिशा निर्देशन आचार्य महेश प्रताप मिश्र की ओर से किया जा रहा है। आचार्य ने बताया दुर्गा सप्तशती में श्लोक है कि, शरत काले महा पूजा क्रियते या च वार्षिकी। तस्या ममैतनमहात्मय,श्रुत्वा,भक्ति समन्वित: सर्व बाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतन्वित: मनुष्यो मत प्रसादेंन भविष्यति न संशय:। जिसका अर्थ है कि जब माता पार्वती ने दैत्य राज शुम्भ निशुम्भ का वध किया, तो क्रोधित अवस्था में थीं। तब देवताओं के साथ आदि देव महादेव भी स्तुति करने लगे। तब मां दुर्गा ने बताया कि शरद काल में जो वार्षिक महा पूजा की जाती है। उस अवसर पर जो भी प्राणी मेरे इस महात्म्य को भक्ति पूर्वक सुनेगा, वह मनुष्य मेरे प्रसाद से सब बाधाओं से मुक्त होगा, और धन धान्य से परिपूर्ण होगा, इसमें तनिक भी सन्देह नहीं है।
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