गोंडा : में शिक्षक तबादले के हालिया आवेदनों में शिक्षकों का वह दर्द भी छलक कर सामने आया है। बीमार हाल होने के बावजूद भी शिक्षकों ने तबादले के आवेदन में अपने बीमारी का हाल बताना भी उचित नहीं समझा। जिसकी वजह नौकरी जाने के खौफ को बताया जा रहा है। ऐसे पीड़ित शिक्षकों का नाम न छापने की शर्त पर कहना है कि उन्हें स्थानान्तरण मिले न मिले यह तो बाद की बात है मगर इससे स्क्रीनिंग होने का खतरा है।
शिक्षक तबादले के लिए इस बार भारांक ही महत्वपूर्ण बिन्दु है जो शिक्षक के लिए उनके तबादले का मुख्य आधार बनने वाला है। शासन से जब ऑनलाइन काउंसलिंग के लिए आवेदन मांगे गए तभी ही इन भारांकों को हासिल करने के लिए भी दावे पेश किए जाने थे। जितना भारांक जिसे चाहिए था उस भारांक के दावे को मजबूत करने वाला प्रमाण पत्र लगाया जाना था। मगर लोग अपने किसी भी तरह के बीमारी को दर्शाने वाला प्रमाण पत्र लगाने के लिए हिचकते दिखाई पड़े। उनका तर्क है कि कहीं इसी आधार पर सरकार उनकी स्क्रीनिंग शुरू कराकर उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता न दिखा दे। इसके लिए लोग अपने चहेते जिले में तैनात अन्य शिक्षकों के साथ म्यूचुअल ट्रांसफर का विकल्प तैयार किया है।
इन बीमारियों में है 10 नम्बर का भारांक : ऐसे शिक्षक शिक्षिकाएं जिनके पति अथवा पत्नी अथवा बच्चे में असाध्य रोग, गंभीर बीमारी, कैंसर, किडनी फेल्योर, लीवर फेल्योर, स्वयं अथवा पत्नी के हृदय की बाइपास सर्जरी, बच्चे के मस्तिष्क पक्षाघात जैसे बीमारियों पर 10 नम्बर का भारांक निर्धारित है।
काउंसलिंग के बाद अब भारांक की होगी ऑनलाइन फीडिंग : काउंसलिंग में कराए गए भारांक के पक्ष में प्रमाण पत्रों के सत्यापन को आधार मानकर भारांक की फीडिंग कराई जाएगी।
प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामराज का कहना है कि शिक्षक तबादले के लिए आयोजित काउंसलिंग पूरी हो गई है। प्रमाण पत्रों का सत्यापन हो गया है। अब इस भारांक की ऑनलाइन फीडिंग दो दिनों में पूरी करा ली जाएगी। जिसके लिए तकनीशियनों की टीम लगाई गई है।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






