बहराइच जिले : में आधुनिक संचार क्रांति व बेहतर इलाज की व्यवस्था के बावजूद ग्रामीण इलाकों में अंधविश्वास के चलते दिल को दहलाने वाली वारदातें हो रही हैं। दो अलग- अलग थानों के गावों में दो नवजातों की खौलते तेल की कड़ाही में छोटी अंगुली इसलिए डालकर जलाई गई थी, क्योंकि रिश्तेदारों ने बच्चों को जमोगा रोग से बचाने के लिए यह क्रूर तरीका सुझाया था। इन दोनों मामलों में भले ही आठ दिन बाद अफसरों की नींद खुली। दोनों मामलों में केस दर्ज कर महिला सहित तीन लोग गिरफ्तार किए गए हैं। हिन्दुस्तान ने इस खबर को 25 जनवरी के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
बहराइच। हुजूरपुर थाने के देवनारायनपुरवा गांव निवासिनी गुड्डीदेवी पत्नी बुधराम को तीन जनवरी को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी। बच्चा दूध नहीं पी रहा था। उसकी हालत बिगड़ी हुई थी। उसे इलाज की दरकार थी। पटीदार गांव निवासी हरिलाल पुत्र सुकई व बुधराम के बहनोई पुरैनी महेशपुर ने नवजात को ऊपरी बाधा यानि जमोगा बताया था। इसका इलाज तेल से खौलती कढ़ाई में बालक के हाथ की छोटी उंगली डाल कर झुलसाने का वीभत्स तरीका सुझाया। जब इस पर अम्ल हुआ तो बालक की हालत और बिगड़ी। 18 जनवरी को आशा संगिनी रेनु ने बालक को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया था। इस मामले में शनिवार को थाने में गुड्डी देवी की तहरीर पर हरिलाल व आशाराम को नामजद कर अंगभंग को उकसाने की धाराओं में केस तो दर्ज हुआ ही, दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया है। एसएचओ सत्येन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि तहकीकात की जा रही है।
बहराइच। फखरपुर थाने के रैपुरा कोठार निवासिनी मीना पत्नी दिनेश को भी मरौचा स्वास्थ केन्द्र पर 18 जनवरी को पुत्र रत्न प्राप्ति हुई। इस बच्चे को भी दूध न पीने व हालत बिगड़ने की शिकायत पर एक पटीदार रैपुरा कोठार निवासिनी राजरानी पत्नी सोहन लाल की सलाह पर तेल से खौलती कड़ाही में बालक की छोटी उंगली डाली गई। जिसके परिणाम स्वरूप उसे संक्रमण हो गया। 23 जनवरी को बालक को गंभीरावस्था में मेडिकल कॉलेज लाया गया। इस मामले में भी पुलिस शनिवार को आई। मीना की तहरीर पर राजरानी के विरुद्ध केस दर्ज किया गया। शनिवार को ही महिला सिपाही रेनूबाला की मदद से राजरानी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। निरीक्षक अपराध निखिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की तहकीकात की जा रही है।
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