गोंडा : परिवहन कार्यालय में लाइसेंस, पंजीकरण व अन्य कार्यों के लिए दिव्यांगों का आना जाना बढ़ गया है। लेकिन कार्यालय में चढ़ने और उतरने में इन लोगों को काफी परेशानी होती है। इसे देखते हुए परिवहन विभाग की ओर से संभागीय परिवहन कार्यालय में दिव्यांगों के लिए लिफ्ट लगाने का प्लान तैयार किया गया है। खर्च के आकलन के लिए परिवहन विभाग की ओर से यूपी प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। कॉर्पोरेशन की टीम ने इस कार्य के लिए लगभग 78 लाख का इस्टीमेट तैयार किया गया है।
कुछ दिन पूर्व शासन की ओर से दिव्यांगों को लाइसेंस जारी करने की गाइडलाइन जारी करने के बाद लाइसेंस के लिए दिव्यांग आवेदकों की कार्यालय में आमद बढ़ गई है। इससे उनके भूतल व प्रथम तल तक दिव्यांगों को पहुंचने में परेशानी होती है। इसे देखते हुए आरटीओ प्रशासन की ओर से कार्यालय में दिव्यांगों की सुविधा के लिए नया प्लान बना है। भूतल और प्रथम तल तक दिव्यांगों की पहुंच को आसान बनाने के लिए लिफ्ट सहित अन्य कार्य कराये जाने हैं। इसके साथ ही दिव्यांगों के लिए बाधारहित शौचालय का भी निर्माण कराया जाना है। प्रोजेक्ट निर्माण के लिए यूपी प्रोजेक्ट कार्पोरेशन को जिम्मेदारी दी गई थी। संस्था की ओर से 77 लाख 30 हजार का इस्टीमेट तैयार किया गया है।
इस्टीमेट पर पीडब्ल्यूडी ने लगाई मुहर
संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन की ओर से यूपी प्रोजेक्ट कार्पोरेशन के प्रोजेक्ट प्रबंधक को पत्र भेजा गया था। इसके बाद संस्था की तकनीकी टीम ने कार्यालय का भौतिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के आधार पर टीम की ओर से पूरे कार्य का इस्टीमेट तैयार किया गया। इसके साथ ही पूरे प्रोजेक्ट का नक्शा भी तैयार किया गया है। इस्टीमेट को मंजूरी के लिए लोक निर्माण विभाग के पास भेजा गया था। यहां से अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड ने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है।
प्रोजेक्ट में शामिल होंगे ये कार्य
-भूतल और प्रथम तक के लिए लिफ्ट
-दोनों तलों पर बाधारहित पहुंच वाला शौचालय
-मूल भवन और सारथी हाल के बीच कारीडोर का निर्माण
संभागीय परिवहन कार्यालय के मुख्य भवन और सारथी हाल के बीच दिव्यांगों के लिए लिफ्ट और बाधा रहित शौचालय का निर्माण कराया जाना है। पहले यूपी प्रोजेक्ट कार्पोरेशन की ओर से इस्टीमेट तैयार करने में देरी हुई फिर बाद में पीडब्ल्यूडी की ओर से इस्टीमेट को अग्रसारित नहीं किया गया। जिससे इस कार्य की वित्तीय स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजने में देरी हुई है। इसे शासन में वित्तीय स्वीकृति के लिए भेजा गया है। –
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