गोंडा : में आखिरकार ई-टिकटिंग के मास्टर माइंड हामिद अशरफ का पुराना दोस्त यहां एक स्कूल चलाने वाला शमशेर आलम शुक्रवार को बस्ती पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया। बताया जाता है कि शमशेर पहले हामिद के साथ मिलजुलकर ई-टिकटिंग का अवैध कारोबार करता था। उसके बाद उसने इस धंधे से अलग होने के लिए इलाके में ब्राइट फ्यूचर नाम से एक स्कूल खोल लिया। जिसमें उसने हामिद से करोड़ों रुपए उधार लिए थे। यही वजह है कि 20 जुलाई 2019 की रात हामिद अशरफ ने रुपए न लौटाने पर स्कूल में बहुचर्चित विस्फोट कांड अंजाम दिया था।
एसओ श्याम बहादुर सिंह ने शमशेर आलम की बस्ती में गिरफ्तारी की पुष्टि यहां की है। उन्होंने बताया कि बस्ती की स्पेशल पुलिस टीम ने रेलवे के ई-टिकटिंग के अवैध कारोबारी शमशेर आलम कोल्ही गांव को गिरफ्तार किया है।
ये हुई बरामदगी : खोड़ारे पुलिस के मुताबिक उसके पास से छह लाख रुपये नगद, लग्जरी गाड़ी, लैपटॉप व मोबाइल फोन को बरामद किया गया है। दोनों जिलों की पुलिस फैले इस कारोबार से जुड़े अन्य लोगों के तलाश की कोशिश में जुटी है।
जब स्पेशल टीम ढूंढ़कर लौट गई थी : अगस्त 2016 में एकाएक शमशेर आलम का नाम प्रकाश में तब आया जब कई दिनों तक सीबीआई की स्पेशल टीम इलाके में उसे ढूंढ कर वापस भी चली गई थी। तब से वह लगातार सीबीआई व पुलिस को चकमा देते हुए अपने व्यवसाय में लगा रहा। पिछले साल उसके स्कूल ब्राइट फ्यूचर एकेडमी में हुए बम ब्लास्ट ने उसे एक बार फिर चर्चा में ला दिया था।
ऐसे हुआ था खुलासा : पिछले महीने ई-टिकटिंग के एक आरोपी को जीआरपी पुलिस ने भुवनेश्वर में गिरफ्तार किया तो इसके नेटवर्क का खुलासा हुआ। पुलिस पूरी मुस्तैदी से शमशेर आलम की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाने में जुट गई और लगातार सुराग लगा रही थी। गुरुवार रात को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर शमशेर आलम को पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। अब उसकी गिरफ्तारी से पूरे इलाके में ही नहीं बल्कि जिले में भी ई-टिकटिंग का कारोबार करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है।
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