बलरामपुर : में नेपाल सीमा से सटी बलरामपुर स्टेट के नए महराज अब राजकुमार जयेंद्र प्रताप सिंह बन गए है। नीलबाग पैलेस में गुरुवार को समारोहपूर्वक नए महराज का राज तिलक हुआ। इससे पूर्व राजधर्म यज्ञ की पूर्णाहूति हुई। नए महराज ने अपने पूर्वजों की परंपरा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है।
विदित हो कि आजादी के पूर्व बलरामपुर स्टेट अवध की बड़ी स्टेट थी। इस स्टेट के महराजाओं ने स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में आजादी से पूर्व कई महत्वपूर्ण कार्य किए थे। बलरामपुर स्टेट की नींव वर्ष 1268 में पड़ी थी। राज परिवार के पूर्वज इसी समय यहां आए थे। उस समय दिल्ली पर गयासुद्दीन बलवन का शासन था। वर्ष 2018 में बलरामपुर राज परिवार के पूर्व महराज धर्मेंद्र प्रसाद सिंह का निधन हो गया था।
निधन के करीब सवा वर्ष बाद परिवार के उत्तराधिकारी व राज कुमार जयेंद्र प्रताप सिंह को परिवार की परंपरा के अनुसार राज तिलक कर नया महराज बनाया गया है। जयेंद्र प्रताप सिंह राज परिवार के 23वें महराज बने है। गुरुवार को आयोजित राज तिलक समारोह में राजमाता वंदना सिंह, सदर विधायक पल्टूराम, तुलसीपुर विधायक कैलाश नाथ शुक्ल, पूर्व मंत्री डॉ. एसपी यादव, एमएलके पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एनके सिंह, देवीपाटन शक्तिपीठ के महंत मिथिलेश नाथ योगी, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह, बलरामपुर स्टेट के प्रबंधक बृजेश सिंह, एमपीपी ट्रस्ट के सचिव कर्नल आरके मोहंता, पूर्व विधायक कमलेश सिंह, अनिल सिंह, प्रवीण कुमार सिंह बिल्लू, चंद्र प्रकाश सिंह गुड्डू, राकेश सिंह, सुधीर बहादुर सिंह, डॉ. तुलशीश दूबे व देश व नेपाल राष्ट्र के कई राज परिवारों से आए रिश्तेदारों ने नए महराज को बधाई दी।
महराज जयेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वह अपने पूर्वजों की स्थापित परंपराओं व मर्यादाओं का ख्याल रखते हुए सामाजिक कार्यें में बढ़ चढ़कर प्रतिभाग करेंगे। लोक कल्याण व मानव सेवा उनका राजधर्म होगा।
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