बहराइच जिले : में टीबी क्लीनिक को विद्युत आपूर्ति देने वाला ट्रांसफार्मर जल गया है। लगभग एक सप्ताह पूर्व जले ट्रांसफार्मर को अभी तक ठीक नहीं किया जा सका है, जिससे क्लीनिक में आने वाले मरीजों की जांच प्रभावित हो रही है। मरीजों का एक्सरे नहीं हो पा रहा है। मरीज मायूस होकर लौट जाते हैं या बाहर एक्सरे कराने को मजबूर हैं। मरीजों की बलगम जांच भी प्रभावित है। टीबी क्लीनिक में मोबाइल की रोशनी में मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
मेडिकल कॉलेज परिसर में ट्रांसफार्मर स्थापित है। इस ट्रांसफार्मर से जिला क्षय रोग विभाग को बिजली आपूर्ति की जाती है। यह ट्रांसफार्मर सात दिन पूर्व जल गया था। इससे टीबी क्लीनिक को की जा रही विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। जिससे टीबी जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म करने की जिम्मेदारी संभालने वाला महकमा अंधेरे में डूब गया है। बिजली की आपूर्ति न होने के कारण यहां पहुंचने वाले मरीजों को बिना जांच कराए ही लौटना पड़ रहा है।
बिजली की आपूर्ति न होने के कारण पैथालॉजी में होने वाली बलगम आदि जांच पूरी तरह से ठप है। लगभग एक सप्ताह से यहां आने वाले मरीजों को बाहर जाकर जांच कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। क्षय रोग अधिकारी के साथ ही अन्य कर्मचारी व चिकित्सक मोबाइल की टॉर्च जलाकर किसी तरह इलाज कर रहे हैं। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिल के साहनी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि लाइट प्रभावित होने की जानकारी नहीं थी। सीएमएस सेे मामले की जानकारी लेकर व्यवस्था को दुरुस्त कराया जाएगा।
अंधेरे में काम करते मिले क्षय रोग विशेषज्ञ
मेडिकल कॉलेज परिसर स्थित क्षय रोग विंग में गुरुवार को क्षय रोग विशेषज्ञ डॉ. पीके वर्मा और लैब टेक्नीशियन अंधेरे में काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि बिजली न होने के कारण परेशानी हो रही है। विभागीय काम मोबाइल की रोशनी में किया जा रहा है। साथ ही पैथालॉजी का काम भी प्रभावित है।
प्राइवेट में एक्सरे कराने को मजबूर मरीज
टीबी क्लीनिक में अंधेरा होने के कारण गुरुवार को अस्पताल पहुंचे मरीज ननकई का एक्सरे नहीं हो सका। इस पर उन्होंने मजबूरी में बाहर एक्सरे करवाया। इसी तरह रामकुमार और राधेश्याम भी बाहर से जांच कराने को मजबूर हुए।
आई थी दिक्कत, अधिकारियों से किया संपर्क
क्षय रोग अस्पताल में बिजली की आपूर्ति करने वाले ट्रांसफार्मर के जलने की समस्या आई थी। जिसके बाद पावर कॉर्पोरेशन के अधिकारियों से शिकायत की गई। मगर कर्मचारी उसे ठीक नहीं कर सके। जिसके बाद अधिकारियों से व्यक्तिगत संपर्क कर समस्या रखी गई। अस्पताल में जनरेटर न होने के कारण मशीनों के संचालन की भी दिक्कत है। हालांकि गुरुवार को कुछ समय के लिए आपूर्ति शुरू हुई। मगर उसके बाद फिर से समस्या पैदा हो गई। इसकी जानकारी भी पावर कॉर्पोरेशन के अफसरों को दी गई है।
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