यूपी सरकार : रिहाई के पात्र कैदी लखनऊ की आदर्श जेल, वाराणसी, बरेली, आगरा, फतेहगढ़ और नैनी सेंट्रल जेल के साथ ही अन्य जेलों के हैं। डीजी आनंद कुमार के निर्देशन में गठित जेल मुख्यालय की कमेटी ने जेलों से भेजे गए पात्र कैदियों के प्रकरण की छटनी में 642 कैदी पात्र मिले। मुख्यालय ने इन्ही का प्रस्ताव शासन को भेजा है। गणतंत्र दिवस पर जेलों में बंद कैंसर, दिल व गुर्दा अन्य असाध्य रोग से पीड़ित और उम्रदराज कैदियों को छोड़ने की तैयारी है। प्रदेश सरकार के निर्देश पर जेल मुख्यालय ने रिहाई नीति के मानक पूरे करने वाले 642 कैदियों के प्रकरण की फाइल शासन को भेज दी है। शासन में इन कैदियों के प्रकरण की कार्रवाई अंतिम चरण में है। हालांकि कैदियों के रिहाई का अंतिम फैसला राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा लिया जाएगा।
ये होंगे रिहाई के पात्र प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई स्थायी नीति के तहत पात्र पुरुष कैदी जो 16 वर्ष एवं महिला कैदी जो 14 वर्ष की वास्तविक सजा काट चुकी हैं। कैंसर, गुर्दा, दिल, ब्रेन ट्यूमर समेत 12 गंभीर बीमारियों वाले कैदी जो 10 वर्ष सजा की मियाद पूरी कर चुके हैं। इसके अलावा 70 वर्ष या उससे अधिक की उम्र के पुरुष कैदी जो 12 साल की सजा और 80 या उससे अधिक उम्र के कैदी जो 10 वर्ष की सजा काट चुके हैं। यह नही छूटेंगे
हत्या-बलात्कार, आतंकी गतिविधियों, राष्ट्रद्रोह व पॉस्को समेत जघन्य अपराध वाले कैदी रिहाई के पात्र नही होंगे। इसके अलावा जेल से फरार होने,उपद्रव व हंगामा आदि अन्य अपराधिक वारदात करने वाले कैदी पात्र नही होंगे।
डीजी आनंद कुमार ने पात्र कैदियों का प्रस्ताव शासन भेजने की बात स्वीकार की है। हालांकि रिहाई के बारे में शासन का मामला बताते हुए कुछ भी बोलने से इनकार किया है।
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