बहराइच। शीतलहर व ठंड से बचाव के लिए जिला आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण, बहराइच द्वारा क्या करें और क्या न करें के सम्बन्ध में एडवाईज़री जारी की गयी है। अपर जिलाधिकारी जयचन्द्र पाण्डेय की ओर से जारी सुझावों में कहा गया है कि बन्द कमरों में जलती हुई लालटेन, दीया एवं कोयले की अंगीठी का प्रयोग करते समय धुएं के निकास का उचित प्रबन्ध करना सुनिश्चित करें और प्रयोग के बाद इन्हें अच्छी तरह से बुझा दें। हीटर/ब्लोअर आदि का प्रयोग करने के बाद स्वीच आॅफ करना न भूलें अन्यथा यह जानलेवा हो सकता है। मिट्टी तेल, हीटर और कोयले के ज़हरीले धुएं से बचने के लिए समुचित हवा का प्रबन्ध रखें। शरीर में उष्मा के प्रवाह को बनाये रखने के लिए पौष्टिक आहार एवं गर्म पेय पदार्थों का सेवन करना चाहिए। मौसम की जानकारी प्राप्त करने के लिए समाचार-पत्र, रेडियो, टेलीविज़न व अन्य संचार माध्यमों से जानकरी लेते रहें। यदि घर से बाहर जाना आवश्यक हो तो शरीर पर समुचित गर्म कपड़ों को पहन कर ही निकलें तथा अपने सिर, चेहरा, हाथ एवं पैर को भी गर्म कपड़े से ढक लें। जब तक बाहर जाने की आवश्यकता न हो यथा संभव विशेषकर बच्चों व वृद्धों को घर से बाहर जाने में परहेज़ करना चाहिए। एडवाईज़री के माध्यम से सुझाव दिया गया है कि उंगलियों, पंजों, कानों तथा नाक के लाल/सफेद/पीला होने तथा ठंड से सुन्न होने के लक्षण नज़र आते ही चिकित्सक से जाॅच करवायें। अत्यधिक काॅपना, सुस्ती/कमज़ोरी, सांस लेने में परेशानी हो तो तत्काल स्थानीय चिकित्सक से परामर्श लें। मवेशियों को रात में खुले आकाश, पेड़ के नीचे न रखें तथा मवेशियों को छत के नीचे रखकर कम्बल/सूती बोरा से ढकें। रात में आग जलाएं एवं उनके बैठने की लगह पर पुआल/रबर मैट का प्रयोग करें। लोगों को यह भी सुझाव दिया गया है कि घने कुहासे में गाड़ी न चलाएं अति आवश्यक होने पर फाॅग लाइट जलाकर धीमी गति से सावधानी पूर्वक गाड़ी चलाएं तथा शीतलहरी के दौरान वाहन चलाते समय हेलमेट, हाथ में दस्ताना और फुल जैकेट ज़रूर पहने।
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