बहराइच। जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय द्वारा जानकारी दी गयी है कि रबी 2019-20 में बुआई के लिए जनपद में पर्याप्त मात्रा में गुणवत्ता युक्त बीजों की व्यवस्था करायी जा रही है। श्री पाण्डेय ने बताया कि कृषि विभाग के पास अब तक गेहॅू एच.डी.-2967, एच.डी.-3086, पी.बी.डब्लू-725, डब्लू.एच.डी. -943, एच.डी.- 2985, सी.बी.डब्लू-38 प्रजाति के बीज 5697.40 कुण्टल, चना जी.एन.जी.-195 के 04 कुण्टल बीज, मटर एच.एफ.पी.-529 के 18 कुण्टल बीज, मसूर पी.एल.-08 व पन्त-08 प्रजाति का बीज 347.00 कुण्टल बीज व राई/सरसों-गिरीराज के 25.65 कुण्टल बीज उपलब्ध हो गये हैं। जिन्हें जनपद के राजकीय कृषि बीज भण्डारों पर आपूर्ति किया जा रहा है। जिला कृषि अधिकारी श्री पाण्डेय ने बताया कि रबी 2019-20 के लिए गेहूॅ प्रमाणित बीज के लिए रू. 3300=00 व आधारीय बीज के लिए रू. 3535=00, चना प्रमाणित बीज के लिए रू. 7560=00 व आधारीय बीज के लिए रू. 7995=00, मटर प्रमाणित बीज के लिए रू. 7640=00 व आधारीय बीज के लिए रू. 8075=00, मसूर प्रमाणित बीज के लिए रू. 7280=00 व आधारीय बीज के लिए रू. 7715=00 व राई/सरसों प्रमाणित बीज के लिए रू. 6900=00 व आधारीय बीज के लिए रू. 7335=00 प्रति कण्टल बिक्री दर निर्धारित की गयी है। उक्त बीज़ों की बिक्री पर अधिकतम 50 प्रतिशत का अनुदान अनुमन्य है। किसान बंधुओं को यह भी सलाह दी जाती है की अधिक पैदावार प्राप्त करने हेतु जनपद के राजकीय कृषि बीज भंडार से गुणवत्ता युक्त बीजों की बुवाई करें। इसके लिए 5 ग्राम ट्राइकोडरमा प्रति किलोग्राम बीज के साथ मिलाकर बीज संशोधन किया जाए। गत खरीफ के धान की फसल कहीं-कहीं ब्लैक स्मिट रोग का प्रकोप फसलों में दिखाई दिया था। बीज शोधन किए जाने से ब्लैक स्मिट की समस्या नहीं होगी। इसके साथ ही संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग मृदा परीक्षण के आधार पर सही समय पर उचित विधि से किया जाए। साथ ही गेहूं की बुवाई माह नवंबर में अवश्य कर दी जाए, ताकि किसान भाई अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकें। जिला कृषि अधिकारी श्री पाण्डेय ने बताया कि जनपद के किसान रबी 2019-20 में अपने खेतों की बुआई के लिए बीज प्राप्त करने हेतु अपने ब्लाक के प्रभारी राजकीय कृषि बीज भण्डार से आधार कार्ड, बैंक पासबुक व खसरा खतौनी की छायाप्रति के साथ सम्पर्क कर निर्धारित मूल्य पर बीज क्रय करके समय से बुआई कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। बीज पर देय अनुदान का भुगतान डी.बी.टी. के माध्यम से सम्बन्धित कृषक के बैंक खाते में किया जायेगा।
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