बहराइच। वित्तीय वर्ष 2019-20 हेतु जनपद का परिव्यय 3 अरब 83 करोड़ 42 लाख निर्धारित किया गया है जो गत वित्तीय वर्ष 2018-19 हेतु जनपद के परिव्यय रू0 3 अरब 81 करोड़ 52 लाख से 01 करोड़ 90 लाख अर्थात् 0.50 प्रतिशत अधिक है। जिला योजन के गठन में समस्त पंचायती राज संस्थाओं नगर निकायों एवं समस्त विभागों द्वारा संचालित कार्यक्रमों के अन्तर्गत विभागीय अधिकारियों द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रस्तावों का समावेश किया गया है। विभागों के द्वारा संचालित कार्यक्रमों की मूल धनराशि 42111.11 लाख थी जिसमें आवश्यक संशोधन करते हुए निर्धारित परिव्यय रू. 38342.00 लाख की सीमा में कार्य योजना का गठन किया गया है। यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी शम्भु कुमार ने बताया कि जनपद के विभिन्न पंचायती राज संस्थाओं से जो प्रस्ताव प्राप्त हुए उनमें मूल रूप से सीसीरोड, केसी ड्रेन, हैण्डपम्प, निःशुल्क बोरिंग, मध्यम गहरी बोरिंग, सड़क एवं पुल, पालीटेक्निक लैब, छात्रावास, स्वच्छ शौचालय आदि कार्यो पर विकास योजना तैयार की गयी है। प्राप्त प्रस्तावों से आवश्यकताओं की पूर्ति का प्रयास किया गया है। कुल निर्धारित परिव्यय 38342.00 लाख के सापेक्ष रू. 8044.64 लाख एससीपी मद में तथा रू. 501.65 लाख टीएसपी मद हेतु आरक्षित किया गया है। शासन की शीर्ष प्राथमिकताओं यथा- स्वच्छ पेयजल, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता आदि को दृष्टिगत रखते हुए पर्याप्त मात्रा में परिव्यय प्रस्तावित किया गया है। कृषि विकास हेतु 34.00 लाख, वन हेतु 1424.56 लाख, विभिन्न सम्पर्क मार्गो हेतु रू.. 16850.85 लाख, पंचायतीराज हेतु रू. 1150.16 लाख, स्वच्छ शौचालय हेतु रू. 2250.72 लाख, शिक्षा हेतु रू. 556.00 लाख, चिकित्सा हेतु रू. 804.99 लाख, पेयजल हेतु रू. 49.39 लाख, छात्रवृत्ति हेतु रू. 939.48 लाख की धनराशि की व्यवस्था जिला योजना के अन्तर्गत की गयी है। डीएम श्री कुमार ने बताया कि केन्द्र द्वारा पुरोनिर्धारित विभिन्न योजनाओं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, एनआरएलएम, आईडब्लूएमपी, मनरेगा, मिड डे मील योजना, सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, अत्याचार से पीड़ित व्यक्तियों को आर्थिक सहायता, विभिन्न छात्रवृत्तियां, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना आदि के अन्तर्गत रू. 8067.31 लाख की व्यवस्था की गयी है। कतिपय विभाग की योजनायें राज्य सेक्टर अथवा आयोजनेत्तर पक्ष में हस्तान्तरण होने के कारण उनमें परिव्यय की व्यवस्था नहीं की गयी है। इस प्रकार एक आदर्श जनपदीय विकास योजना की संरचना की गयी है। आशा है कि विकास योजना जनपद के सर्वागीण विकास में सहायक सिद्ध होगी। विभाग/सेक्टरवार प्रस्तावित परिव्यय की चर्चा की जाय तो कृषि विभाग हेतु रू. 34.00 लाख, गन्ना विभाग हेतु रू. 365.89 लाख, लघु सीमान्त कृषकों को सहायता हेतु रू. 1675.00 लाख, पशुपालन हेतु रू. 273.52 लाख, दुग्ध विकास हेतु रू. 120.57 लाख, सहकारिता हेतु रू. 62.00 लाख, वन हेतु रू. 1419.56 लाख, ग्राम्य विकास के विशेष कार्यक्रम (एनआरएलएम) हेतु रू. 1644.58 लाख, आई.डब्लू.एम.पी. (सिंचाई एवं जल संसाधन) हेतु रू. 94.90 लाख, रोज़गार कार्यक्रम मनरेगा हेतु रू. 1425.30 लाख, पंचायती राज हेतु रू. 1150.16 लाख, निजी लघु सिंचाई हेतु रू. 253.00 लाख, राजकीय लघु सिंचाई हेतु रू. 82.24 लाख, अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत हेतु रू. 14.20 लाख, खादी ग्रामोद्योग हेतु रू. 0.75 लाख, सड़क एवं पुल हेतु रू. 16850.85 लाख का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है। इसी प्रकार पर्यावरण हेतु रू. 05.00 लाख, पयर्टन हेतु रू. 230.00 लाख, प्राथमिक शिक्षा हेतु रू. 150.00 लाख, माध्यमिक शिक्षा हेतु रू. 406.00 लाख, प्राविधिक शिक्षा (पाॅलीटेक्निक) हेतु रू. 15.73 लाख, प्रादेशिक विकास दल हेतु रू. 05.71 लाख, खेलकूद हेतु रू. 24.40 लाख, ऐलोपैथिक चिकित्सा हेतु रू. 580.00 लाख, परिवार कल्याण हेतु रू. 50.00 लाख, होम्योपैथिक चिकित्सा रू. 90.00 लाख, आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा हेतु रू. 84.99 लाख, ग्रामीण स्वच्छता (पंचायतीराज) हेतु रू. 2250.72 लाख, आवास निर्माण (प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास) हेतु रू. 5924.40 लाख, नगरीय पेयजल हेतु रू. 49.39 लाख, अनुसूचित जाति कल्याण हेतु रू. 268.48 लाख, पिछड़ा वर्ग कल्याण हेतु रू. 200.00 लाख, अल्पसंख्यक कल्याण हेतु रू. 585.00 लाख, समाज कल्याण (सामान्य जाति) हेतु रू. 423.25 लाख, जनजाति कल्याण छात्रवृत्ति हेतु रू. 06.23 लाख, शिल्पकार प्रशिक्षण हेतु रू. 100.00 लाख, समाज कल्याण हेतु रू. 1357.68 लाख, दिव्यांगजन कल्याण हेतु रू. 61.00 लाख, महिला एवं बाल कल्याण हेतु रू. 07.50 लाख का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है।
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