बहराइच। निराश्रित/बेसहारा गोवंश को इच्छुक कृषकों/अन्य व्यक्तियों को सुपुर्द किये जाने हेतु उत्तर प्रदेश में 08 अगस्त 2019 से मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहयोगिता योजना लागू की गयी है। योजनान्तर्गत इच्छुक चयनित पात्र कृषकांे/पशुपालकांे/अन्य व्यक्तियों को विकास खण्ड मंे स्थापित अस्थाई/स्थाई गोवंश आश्रय स्थल से टैग लगे हुये गोवंश सुपुर्द किये जायेंगे। चयनित व्यक्ति के खाते में रू. 30.00 (रू. तीस मात्र) प्रति गोवंश/प्रतिदिन की दर से प्रतिमाह डी.बी.टी. प्रक्रिया द्वारा हस्तान्तरित किया जायेगा। योजना अन्तर्गत दी गयी व्यवस्था के तहत किसी चयनित व्यक्ति को अधिकतम 04 गोवंश ही सुपुर्द किये जायेंगे। यह जानकारी देते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. बलवन्त सिंह ने बताया कि योजनान्तर्गत निराश्रित गोवंश पालने हेतु सम्बन्धित विकास खण्ड के मूल निवासी तथा वर्तमान समय में निवास कर रहे इच्छुक कृषक/पशुपालक/अन्य इच्छुक व्यक्ति अपने विकास खण्ड के खण्ड विकास अधिकारी/पशु चिकित्साधिकारी को निर्धारित प्रारूप पर आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं। बीडीओ की अध्यक्षता में गठित ब्लाक स्तरीय समिति द्वारा चयन होने के पश्चात तहसील स्तरीय एवं जिला स्तरीय समिति का अनुमोदन प्राप्त होने के पश्चात ही पात्र व्यक्ति को इस योजना का लाभ दिया जायेगा। सीवीओ डा. सिंह ने बताया कि योजनान्तर्गत पूर्व से पशुओं का पालन पोषण कर रहे व्यक्तियों को प्राथमिकता प्रदान की जायेगी। एक व्यक्ति को अधिकतम चार गोवंश ही दिये जायेंगे। आवेदन करने की तिथि को इच्छुक व्यक्ति के पास अपना आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड के साथ-साथ राष्ट्रीयकृत/शेड्यूल बैंक में आधार लिंक क्रियाशील बचत खाता होना चाहिए। डा. सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा स्थापित एवं संचालित विभिन्न प्रकार के गोवंश आश्रय स्थलों में संरक्षित निराश्रित/बेसहारा गोवंश को स्थापित प्रक्रिया द्वारा इच्छुक कृषकों/पशुपालकांे/अन्य व्यक्तियों को सुपुर्द करते हुए योजना के क्रियान्यवन मंे जनसहयोगिता बढ़ायी जायेगी।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






