बहराइच। लघु एवं सीमांत कृषकों को सामाजिक सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने एवं वृद्धावस्था में उनकी आजीविका के साधन उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना (पीएम-केएमवाई) रू. 3000.00 (रू. तीन हज़ार) की एक सुनिश्चित मासिक पेंशन योजना लागू की गयी है। यह एक स्वैच्छिक एवं अंशदायी पेंशन स्कीम है जिसके तहत 18 से 40 वर्ष आयु वर्ग के लक्षित स्त्री या पुरूष स्वैच्छिक एवं अंशदायी पेंशन स्कीम है। पेंशन स्कीम धारक व्यक्ति को 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर मासिक पेंशन प्रदान की जायेगी। योजना का संचालन कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग (कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय) भारत सरकार द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम (एल.आई.सी.) की भागीदारी से किया जायेगा। यह जानकारी देते हुए जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय ने बताया कि योजना के सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा निर्गत गाइड लाइन डब्लूडब्लूडब्लू डाट पीएमकेएमवाई डाट जीओवी डाट इन पर उपलब्ध है। योजना में शामिल होने के इच्छुक पात्र लघु एवं सीमान्त कृषक अपने आधार कार्ड एवं बैंक पास-बुक के साथ निकटतम कामन-सर्विस-सेन्टर पर जाकर गाइड लाइन के अनुसार ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करा कर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जिला कृषि अधिकारी श्री पाण्डेय ने बताया कि राष्ट्रीय पेंशन स्कीम, कर्मचारी राज्य बीमा निगम स्कीम, कर्मचारी निधि संगठन स्कीम आदि जैसी किसी अन्य सांविधिक सामाजिक सुरक्षा स्कीम के दायरे में सम्मिलित लघु एवं सीमान्त किसान, श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय द्वारा संचालित प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान-धन योजना तथा प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मान-धन योजना का विकल्प चुनने वाले किसानों के साथ-साथ उच्चतर आर्थिक स्थिति वाले लाभ ग्राही भी योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे। इसके अलावा सभी संस्थागत भू-धारक, भूतपूर्व एवं वर्तमान संवैधानिक पदधारक, भूतपूर्व एवं वर्तमान मंत्री/राज्य मंत्री, भूतपूर्व व वर्तमान लोक सभा/राज्य सभा/विधान सभा/विधान परिषद के सदस्य, नगर निगमों के मेयर एवं जिला पंचायत अध्यक्ष, केन्द्रीय/राज्य सरकार के मंत्रालयों/कार्यालयों/विभागों और उनकी क्षेत्र यूनिटों, केन्द्रीय या राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों और सम्बद्ध कार्यालयों/सरकार के अधीन स्वायत्तशासी संस्थाओं के सभी सेवारत अथवा सेवानिवृत्त अधिकारी/कर्मचारी और साथ ही स्थानीय निकायों के नियमित कर्मचारी (जिनमें बहु कृत्यिक कर्मचारी/चतुर्थ श्रेणी ‘‘घ’’ कर्मचारी शामिल नहीं है) भी योजना के लिए अपात्र होंगे। पिछले मूल्यांकन वर्ष में आयकर का भुगतान करने वाले तथा डाक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टेड एकाउन्टेन्ट और वस्तुकार जैसे पेशेवर जो पेशेवर निकायों में पंजीकृत हैं और निजी प्रैक्टिस के द्वारा अपना पेशा चला रहे हैं, को भी योजना का लाभ नहीं प्राप्त होगा। श्री पाण्डेय ने बताया कि पेंशन स्कीम के लिए निर्धारित गाईड लाइन के अनुसार 18 वर्ष से 40 वर्ष तक की आयु में प्रवेश करने वाले लाभार्थी को क्रमशः रू. 55, 58, 61, 64, 68, 72, 76, 80, 85, 90, 95, 100, 105, 110, 120, 130, 140, 150, 160, 170, 180, 190 तथा रू. 200.00 की दर प्रतिमाह अंशदान देना होगा। प्रत्येक माह लाभार्थी द्वारा किये गये अंशदान के बराबर धनराशि का योगदान सरकार द्वारा भी किया जायेगा। लाभग्राही को मासिक अभिदान प्रत्येक माह की उसी तारीख को देय होगा जिस तारीख को पंजीयन किया गया है। लाभग्राही अपना अभिदान तिमाही, चार-माही या छमाही आधार पर भुगतान करने का भी विकल्प चुन सकते हैं। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि किसी भी परिस्थिति में पेंशन का रूपान्तरण नहीं किया जायेगा।
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