बहराइच 31 जुलाई। उप निदेशक कृषि डा. आर.के. सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं अन्तर्गत रू. 10 हज़ार अनुदान तक समस्त मानवचालित कृषि यंत्रों/कृषि रक्षा उपकरणों तथा रू. 10 हज़ार से अधिक अनुदान के शक्तिचालित कृषि यत्रों/कृषि रक्षा उपकरणों का वर्ष 2019-20 में वितरण तथा डी.बी.टी. किये जाने के सम्बन्ध में शासन स्तर से प्राप्त निर्देशों के अनुसार प्रथम चरण में लक्ष्य के 90 प्रतिशत की पूर्ति होने के पश्चात अवशेष 10 प्रतिशत का वितरण किया जायेगा। डा. सिंह ने बताया कि समस्त प्रभारी/सहायक विकास अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि रू. 10 हज़ार तक अनुदान वाले कृषि यंत्रों/कृषि रक्षा उपकरण विनिर्माता फर्मांे के माध्यम से प्रत्येक माह के द्वितीय एवं चतुर्थ सोमवार एवं मंगलवार को राजकीय कृषि बीज भण्डार पर स्टाल लगवाकर ब्लाक के लिए निर्धारित लक्ष्य के 90 प्रतिशत के 50 प्रतिशत की सीमा तक पंजीकृत कृषकों को ‘‘पहले आओ पहले पाओ’’ के सिद्वान्त पर वितरण करायें।
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उप निदेशक कृषि ने बताया कि प्रथम चरण के लिए निर्धारित लक्ष्य के 50 प्रतिशत यंत्रांे को किसान जनपद के विनिर्माता से सीधे क्रय कर सकेंगे परन्तु इसके लिए पंजीकृत किसानों को टोकनमनी जमा करनी होगी। रू. 10 हज़ार तक अनुदान के लिए रू. 250=00, रू. 01 लाख तक अनुदान के लिए रू. 2500=00 तथा रू. 01 लाख से अधिक अनुदान वाले कृषि यत्रों/कृषि रक्षा उपकरणों के लिए रू. 5000=00 टोकनमनी जमा करनी होगी। पंजीकृत किसान विभागीय पोर्टल से आनलाइन जनरेटेड टोकन प्राप्त कर यूपी एग्रो के खाते में टोकनमनी की धनराशि जमा कर प्राप्ति रसीद को पोर्टल पर अपलोड करेंगे। रसीद के अपलोड होते ही किसान वरीयता सूची में सम्मिलित हो जायेंगे। कृषि यन्त्र क्रय करने की रसीद अपलोड करते ही 15 दिवस में टोकनमनी की धनराशि वापस कर दी जायेगी। टोकन मिलने के 10 दिवस के अन्दर टोकनमनी नजमा करने पर टोकन स्वतः निरस्त माना जायेगा। डा. सिंह ने बताया कि रू. 10 हज़ार तक अनुदान वाले कृषि यन्त्रों में कृषक एक से अधिक विभिन्न कृषि यन्त्रों पर अनुदान प्राप्त कर सकते हैं परन्तु एक ही यन्त्र विशेष पर 05 वर्ष के अन्तराल में एक बार ही अनुदान देय होगा। रू. 10 हज़ार से अधिक अनुदान वाले कृषि यन्त्रों पर अनुदान के लिए कृषकों की वरीयता सूची तैयार कर एस.एम.एस. भेज कर सूचित किया जायेगा। सूचित करने की तिथि से 01 माह के अन्दर यन्त्र क्रय पोर्टल पर रसीद को अपलोड करना अनिवार्य होगा। निर्धारित अवधि में क्रय रसीद/अभिलेख अपलोड न करने वालों की ज़मानत धनराशि ज़ब्त कर ली जायेगी तथा उसका अभ्यर्थन स्वतः निरस्त हो जायेगा। ज़ब्त धनराशि व उस पर प्राप्त ब्याज का उपभोग केवल यू.पी. एग्रो कर सकेगा। इस सम्बन्ध में दी गयी व्यवस्था के अनुसार पोर्टल पर यंत्र क्रय की रसीद सहित समस्त अभिलेख अपलोड कर दिये जाने के पश्चात सत्यापनोपरान्त 15 दिवस में जमानत धनराशि वापस कर दी जायेगी। अभिलेख प्रस्तुत करने की अन्तिम तिथि से एक सप्ताह के मध्य यंत्र एवं अभिलेखों का सत्यापन किया जायेगा, सत्यापनकर्ता यंत्र की फोटो व सी.एम.एल. नम्बर/सीरियल नम्बर की फोटो खींचकर पोर्टल पर अपनी स्पष्ट संस्तुति सहित रिपोर्ट अपलोड करेंगे। अपलोड के 15 दिवस के अन्दर अभिलेखों के आधार पर पंजीकरण का वैलीडेशन करते हुए डी.बी.टी. के माध्यम से अनुदान की धनराशि कृषकों को उपलब्ध करा दी जायेगी। यदि किसान का पंजीकरण डुप्लीकेट है अथवा किसान पहले ही उस शक्तिचालित कृषि यंत्र पर 10 वर्ष के अन्तर्गत अनुदान ले चुका है तो उसे योजनान्तर्गत लाभ देय नहीं होगा।
अनुदान योजनान्तर्गत क्रय किये गये समस्त कृषि यन्त्र भारत सरकार के फार्ममशीनरी टेस्टिंग एण्ड ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट (एफ.एम.टी.टी.आई.) व अन्य संस्थान जो भारत सरकार अथवा राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त हों के द्वारा प्रमाणित अथवा बी.आई.एस. या आई.एस.आई. मार्क के अवश्य होने चाहिये। रू. 10 हज़ार से अधिक या रू. 01 लाख तक अनुदान वाले कृषि यन्त्र को कृषक आवश्यकतानुसार 10 वर्ष में 01 बार तथा एक वित्तीय वर्ष में एक ही कृषि यन्त्र क्रय कर अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। सभी विक्रेता किसानों को कृषि यन्त्र/उपकरण की बिक्री रसीद दो प्रतियों में उपलब्ध करायेंगे। जिसकी 01 प्रति किसान को ब्लाक पर नामित कृषि विभाग के कर्मचारी को उपलब्ध करा कर दूसरी प्रति पर प्राप्ति लेना होगा। डीडी एग्री ने समस्त प्रभारी राजकीय कृषि बीज भण्डार/समस्त सहायक विकास अधिकारी (कृषि/कृषि रक्षा) को निर्देशित किया है कि योजना का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराते हुए कृषि बीज भण्डार तथा जनपद, तहसील व विकास खण्ड स्तर पर आयोजित होने वाली गोष्ठियों के अवसर पर स्टाल लगवाकर तथा निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति कराना सुनिश्चित करें।
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