बहराइच 29 जुलाई। ग्लोबल टाईगर डे के अवसर पर कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग बहराइच एवं डब्लू.डब्लू.एफ. के संयुक्त तत्वावधान तथा एस.टी.पी.एफ. के सहयोग से मोतीपुर वन क्षेत्र अन्तर्गत ईको पर्यटन परिसर मोतीपुर में ‘‘अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस’’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयोजित निबन्ध लेखन, चित्रकला तथा मिट्टी माॅडल प्रतियोगिता में सर्वोदय इण्टर कालेज, ज्ञान सागर इण्टर कालेज, नवयुग इण्टर कालेज व ममतारानी इण्टर कालेज मिहींपुरवा तथा एस.टी.पी.एफ. मोतीपुर के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि वन संरक्षक/प्रभागीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट जी.पी. सिंह ने बताया कि पूरे संसार में मात्र 13 देशों में टाईगर पाये जाते हैं। आज विश्व भर में टाईगरों की कुल संख्या के आधे से अधिक बाघ भारत में हैं। श्री सिंह ने कहा कि आधे से अधिक आबादी का घर होने के कारण बाघ के संरक्षण के प्रति दूसरों की अपेक्षा हमारी जिम्मेदारी अधिक है। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न पर्यावासों में टाईगर की संख्या में इज़ाफा होना इस बात का प्रमाण है कि हमें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास है। उन्होंने कहा कि बाघों के संरक्षण में सभी के सहयोग की आवश्यकता है। विश्व टाईगर दिवस के सम्बन्ध में श्री सिंह ने बताया कि बाघों के संरक्षण के लिए वर्ष 2010 में रूस में आयोजित विश्व स्तरीय बैठक में 29 जुलाई को ग्लोबल टाईगर डे के रूप में मनाये जाने का निर्णय लिया गया था। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वन्य जीव विशेषज्ञ डा. वी.पी. सिंह, डब्लूडब्लूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हसन तथा स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स के कमान्डेन्ट अभिनव कुमार यादव द्वारा स्कूली बच्चों एवं उपस्थित स्टाफ को बाघ संरक्षण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गयी साथ ही यह भी अवगत कराया गया कि पारिस्थितिकी तंत्र में बाघ की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। हम सभी लोगों को बाघों के संरक्षण तथा पर्यावरण संतुलन के लिए वनों एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के साथ-साथ अधिक से अधिक पौध रोपण करना होगा। कार्यक्रम के दौरान मौजूद वन कर्मियों, आम नागरिकों एंव छात्रों को मानव बाघ संघर्ष, अवैध शिकार के तरीकों एवं बाघ के संरक्षण में आम जन की भागीदारी विषय पर परिचर्चा भी आयोजित की गयी। बाघ दिवस के अवसर पर ‘‘बाघों एवं उनके प्राकृतिक आवास’’ विषय पर आधारित पेन्टिंग प्रतियोगिता, बाघों की पर्यावरण में भूमिका विषय पर निबन्ध लेखन प्रतियोगिता तथा एस.टी.पी.एफ. स्कूल में मिट्टी माॅडल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें सर्वोदय इण्टर कालेज, नवयुग इण्टर कालेज व ममतारानी इण्टर कालेज मिहींपुरवा, शिव प्रसाद बिन्देश्वरी प्रसाद इण्टर कालेज सेमरहना, तथा मोगली विद्यालय मोतीपुर के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया। निबंध प्रतियोगिता में शिवनंदन सिंह, शिव प्रसाद इंटर कॉलेज सेमराहना प्रथम, जितेंद्र कुमार, मोगली विद्यालय मोतीपुर द्वितीय, अनुराग मौर्य सर्वोदय इंटर कॉलेज तृतीय एंव ज्योति, मोगली विद्यालय को सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ। चित्रकला प्रतियोगिता(जूनियर वर्ग) में प्रथम स्थान शिव प्रसाद इंटर कालेज सेमराहना की अभिप्रिया कुशवाहा, द्वितीय स्थान सर्वोदय इंटर कालेज के राज मल्होत्रा, तृतीय स्थान सर्वोदय के ही कुमारी महक एंव नवयुग इंटर कालेज के सतीश चंद्र ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। चित्रकला प्रतियोगिता(सीनियर वर्ग) में प्रथम स्थान सर्वोदय इंटर कालेज की सोनम चक्रवर्ती, द्वितीय स्थान नवयुग इंटर कालेज की पूजा कुमारी, तृतीय स्थान नवयुग के ही अंकुश कुमार एंव सर्वोदय इण्टर कालेज के अनिता सिंह ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। जबकि मिट्टी मॉडल प्रतियोगिता में मोगली विद्यालय मोतीपुर के साकिब, संजना, शानू ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय तथा सायमा को सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ। कार्यक्रम के दौरान एस.ओ.एस. टाइगर संस्था द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाले वनकर्मियों मोतीपुर रेंज के डिप्टी रेंजर शत्रोहन लाल, कतर्नियाघाट रेंज के वन दरोगा अनिल कुमार, मोतीपुर रेंज के वन रक्षक शिव कुमार शर्मा एंव कम्प्यूटर ऑपरेटर अजय मौर्या तथा एसटीपीएफ आरक्षी गोविंद नारायण सिंह को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर वन क्षेत्राधिकारी मोतीपुर आनंद प्रताप आर्या, ककरहा के इरफान अंसारी, कतर्नियाघाट के पीयूष मोहन, वन क्षेत्राधिकारी मुर्तिहा, धर्मापुर, सुजौली, एसओएस फैज़ मोहम्मद खान, वन रक्षक शिव कुमार शर्मा, विजय पाल एंव डिप्टी रेंजर शत्रोहन लाल तथा विश्व प्रकृति निधि के बाघ विशेषज्ञ आशीष बिष्ट, एसटीपीएफ के प्लाटून कमांडर सतेन्द्र कुमार, डब्लूडब्लूएफ के सहायक मंसूर अली तथा समस्त रेंज स्टाफ, शिक्षक-शिक्षिकाएं व बड़ी संख्या छात्र-छात्राएं तथा आमजन मौजूद रहे।
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