बहराइच 26 जुलाई। प्रदेश में कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करने, समान लैंगिंक अनुपात स्थापित करने, बाल विवाह की कुप्रथा को रोकने, बालिकाओं के स्वास्थ्य व शिक्षा को प्रोत्साहन देने, बालिकाओं को स्वावलम्बी बनाने में सहायता प्रदान करने तथा बालिका के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा 01 अप्रैल 2019 से ‘‘कन्या सुमंगला योजना’’ प्रारम्भ की गयी है।
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‘‘कन्या सुमंगला योजना’’ के लिए ऐसे लाभार्थी पात्र होंगे जिनका परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हो तथा उनके पास स्थायी निवास प्रमाण-पत्र हो, जिसके लिए राशनकार्ड, आधार कार्ड, वोटर पहचान पत्र, विद्युत/टेलीफोन का बिल मान्य होगा। लाभार्थी की पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम रू. 3.00 लाख हो, तथा लाभार्थी के परिवार का आकार (साईज़) परिवार में अधिकतम दो बच्चे हों। किसी परिवार की अधिकतम 02 बच्चियों को ही योजना का लाभ मिल सकेगा। यदि किसी महिला को द्वितीय प्रसव में जुड़वा बच्चे होने पर तीसरी संतान के रूप में लड़की को भी लाभ अनुमन्य होगा। यदि किसी महिला को प्रथम प्रसव में बालिका है व द्वितीय प्रसव में दो जुडवा बालिकायें होती हैं तो केवल ऐसी अवस्था में ही तीनों बालिकाओं को लाभ अनुमन्य होगा। इसके अतिरिक्त यदि किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद लिया हो, तो परिवार की जैविक संतानों तथा विधिक रूप से गोद ली गयी संतानों को सम्मिलित करते हुए अधिकतम दो बालिकाओं को ही योजना का लाभ प्राप्त होगा। ‘‘कन्या सुमंगला योजना’’ छः श्रेणियों में लागू होगी। प्रथम श्रेणी में बालिका के जन्म होने पर रू. 2,000=00, द्वितीय श्रेणी में बालिका के एक वर्ष तक के पूर्ण टीकाकरण के उपरान्त रू. 1,000=00, तृतीय श्रेणी कक्षा प्रथम में बालिका के प्रवेश के उपरान्त रू. 2,000=00, चतुर्थ श्रेणी कक्षा छः में बालिका के प्रवेश के उपरान्त रू. 2,000=00, पंचम श्रेणी कक्षा नौ में बालिका के प्रवेश के उपरान्त रू. 3,000=00 तथा षष्ट्म श्रेणी में ऐसी बालिकाएं जिन्होंने कक्षा 12वीं उत्तीर्ण करके स्नातक अथवा 02 वर्षीय या अधिक अवधि के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लिया हो, को रू. 5,000=00 एक मुश्त प्रदान किये जायेंगे। योजनान्तर्गत देय धनराशि पी.एफ.एम.एस. के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में हस्तांतरित की जायेगी। लाभार्थी के अवयस्क होने की दशा में देय धनराशि माता के खाते में, माता की मृत्यु की दशा में पिता के बैंक खाते में प्रेषित की जायेगी। यदि माता-पिता की मृत्यु हो जाती है तो धनराशि का प्रेषण अभिभावक के खाते में किया जायेगा। यदि लाभार्थी वयस्क है तो धनराशि लाभार्थी के खाते में भेजी जायेगी। प्राथमिक रूप में आवेदन आनलाइन माध्यम से स्वीकार किये जायेंगे। यद्यपि ऐसे आवेदक जो ऑनलाइन माध्यम से आवेदन करने में सक्षम नहीं हैं वे अपने आवेदन आॅफलाइन माध्यम से भी खण्ड विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी, जिला परिवीक्षा अधिकारी व उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी के कार्यालय में जमा कर सकेंगे। आवेदन पत्र का प्रारूप महिला कल्याण विभाग की वेबसाइट से प्राप्त किया जा सकता है।
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