बहराइच। लगातार हो रही बारिश और बढते जलस्तर से फखरपुर ब्लाॅक के माँझरा तौकली के एक दर्जन गांवों के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा। लगातार हो रही कृषि योग्य भूमि काटने के बाद नदी ने किया गांव की ओर रूख। भिरगूपुरवा के छोटे मजरों को निगलते हुए बडे आबादी से मात्र 200 मीटर की दूरी पर पहुंच गई नदी की धारा। जो पिछले वर्ष 2 किलोमीटर दूरी पर थी। गांव किनारे बहर रहे नाले में गिरने को नदी बेताब है। यदि नाले में धारा गिर गई तो 10 हजार आबादी प्रभावित होगी। नाले से महज 50 मीटर दूर रह गई नदी।
इनके घर व जमीन धारा में समाए
घाघरा की कटान में मंझारा तौकली के भिरगू पुरवा के राजा, बिलास, श्रीराम, शिव प्रसाद, बीरबल, वीरेंद्र, तीरथ,अशोक
बहरइचनपुरवा के राम लखन, मोहनलाल, बाबूराम, रामचंदर,
भुरहटा गांव के संतराम,बृजलाल, बिंदर, तीरथ आदि के दर्जनों घर व खेती योग्य जमीन नदी की धारा में समा गई। जो दूसरे की जमीनों पर शरणार्थी बनकर तिरपाल तानकर खुले आसमान के नीचे गुजर बसर कर रहे हैं। एसडीएम ने बताया कि बिरजा पकडिया से लेकर, भिरगू पुरवा, 11 सौ,300 रेती व गोडिहिया नंबर तीन, तक कटान तेज चल रही है। कटे घरो का मुआवजा दिलाया जाएगा। कटान के मुहान पर आए भिरगू पुरवा के मजरो के लोगों को घर खाली करने को कहा गया है। सिंचाई विभाग को ठोकर बनाने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। अगर नदी नाले में गिर गई तो लगभग 10 हजार आबादी प्रभावित होगी। इस मौके पर कानूनगो हरिप्रसाद वर्मा लेखपाल अफजाल अहमद ग्राम प्रधान पवन निषाद समेत अन्य ग्रामीण मौजूद रहे
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






