बहराइच 28 जून। उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में 01 जुलाई 2019 से विशेष संचारी रोग नियंत्रण तथा 18 जनपदों में दिमागी बुखार से लड़ने के लिए दस्तक अभियान शुरू किया जा रहा है। एईएस/जेई रोग की रोकथाम, नियंत्रण एवं बचाव हेतु प्रस्तावित अन्तर्विभागीय विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के विषय में जागरूकता के लिए जिला सूचना अधिकारियों एवं जनपद स्तरीय स्थानीय प्रिन्ट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधियों के संवेदीकरण हेतु यूनीसेफ के माध्यम से मण्डलायुक्त सभागार गोण्डा में देवीपाटन मण्डल के आयुक्त महेन्द्र कुमार की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मण्डल के समस्त जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्साधिकारियों व अन्य अधिकारियों तथा मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यशाला को समबोधित करते हुए आयुक्त ने बताया कि दिमागी बुखार को नियंत्रित करने में सबसे बड़ी समस्या इलाज में देरी है। दस्तक अभियान दिमागी बुखार से बचाव एवं नियंत्रण के लिए व्यवहार परिवर्तन संचार अभियान है। जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर 1-15 वर्ष आयु तक के बच्चों के माता पिता को बीमारी से बचाव एवं उपचार की जानकारी देंगे। आमजन को जानकारी दी जायेगी कोई भी बुखार दिमागी बुखार हो सकता है, ऐसी सिथति में इलाज में देरी न करें। आयुक्त ने कहा कि अभियान को पूरी शिद्दत के साथ धरातल पर क्रियान्वित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की अगुवाई में चलाये जा रहे विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान विभिन्न विभागों का संयुक्त प्रयास है। जिसमें ग्राम विकास एवं पंचायती राज विभाग, नगरीय विकास, शिक्षा, समेकित बाल विकास परियोजना, कृषि, पशुपालन, समाज कल्याण सहित अन्य विभाग भागीदारी कर रहे हैं। श्री कुमार ने बताया कि विगत वर्ष, दस्तक अभियान प्रदेश के गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल के सात जिलों (गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर और बस्ती) में चलाया गया था। इस वर्ष यह अभियान पिछले जनपदों के साथ-साथ लखनऊ व देवीपाटन मण्डलों के 1. जनपदों (लखनऊ, हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, गोण्डा, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर एवं बाराबंकी) में चलाया जाएगा। आयुक्त ने मीडिया प्रतिनिधियों का आहवान्ह किया कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान को जन-जन तक पहुॅचाये जाने में सहयोग प्रदान करें। मुख्य चिकित्साधिकारी गोण्डा डा. संतोष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि अभियान अन्तर्गत प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर दस्तक देंगे और दिमागी बुखार से बचाव एवं उपचार के तरीके बतायेंगे। वह लोगों को यह भी बतायेंगे कि बुखार आते ही मरीज़ को नज़दीकी सरकारी अस्पताल ले जाए। अपने घरों में और आस-पास सफाई रखें, जल भराव न होने दे, मच्छरों, चूहे व छछूंदरों से बचाव करें। स्वच्छ पेयजल का उपयोग करें तथा पशु बाड़ों में भी सफाई रखे। उन्होंने कहा कि यह छोटे-छोटे उपाय बीमारियों के प्रकोप तथा उनसे होने वाली क्षति को काफी हद तक कम कर सकते हैं। इस अभियान के अन्तर्गत 01 से 31 जुलाई के मध्य जिला, ब्लाक और ग्राम पंचायत स्तर पर कई जन-जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे। इसके अतिरिक्त एलईडी वैन एवं नुक्कड़ नाटक के ज़रिए लोगों को जागरूक किया जायेगा। अभियान के दौरान जानकारी के साथ दिमागी बुखार पर चैतरफा वार भी होगा, जिसमें नियमित टीकाकरण के अन्तर्गत जेई टीकाकरण, मच्छरों से बचाव के लिए फाॅगिंग, बुखारग्रस्त बच्चों की पहचान और उनका स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज, स्वच्छता, चूहों से बचाव, श्रमदान द्वारा झाड़ियों की कटाई, नालियों की सफाई, हैण्डपम्पों की मरम्मत और शौचालय निर्माण आदि गतिविधिया शामिल हैं। कार्यक्रम के दौरान यूनिसेफ की संचार विशेषज्ञ श्रीमती गीताली ने बताया कि ‘‘यूनिसेफ सरकार द्वारा चलाए जा रहे दस्तक अभियान में पूरी तरह सहयोग करता है। प्रत्येक बच्चा अनमोल है और सही जानकारी एवं सही समय पर दिया गया इलाज उनकी जान बचा सकता है। श्रीमती गीताली ने कहा कि एक्यूटइन्सेफलाइटिस सिंड्रोम या दिमागी बुखार बहुत ही गम्भीर बीमारी है। जिसके कारण मृत्यु या अपंगता भी हो सकती है। कोई भी बुखार दिमागी बुखार हो सकता है, इसलिए बुखार को कतई नज़र अंदाज़ नहीं करना चाहिए और तुरन्त ही नज़दीकी सरकारी अस्पताल जाना चाहिए। श्रीमती गीताली ने बताया कि जागरूकता से ही इस बीमारी से लड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि दस्तक अभियान में यूनिसेफ, पाथ, डब्लूएचओ, टाटा ट्रस्ट्स आदि संसथाएं भी सहयोग कर रही हैं। कार्यशाला के दौरान जानकारी दी गयी कि अधिक जानकारी के लिए निदेशक, संचारी रोग डा. मिथिलेश चतुर्वेदी मो.न. 9415362556 व 9454455388 तथा संयुक्त निदेशक, संचारी रोग डा. विकासेंदु अग्रवाल मो.न. 9219793100 व 9286783100 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






