बहराइच 22 जून। जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन के सम्बन्ध में अभियान चलाकर समेकित कार्यवाही किये जाने के उद्देश्य से विकास खण्ड चित्तौरा अन्तर्गत ग्राम पंचायत खलीलपुर में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी शम्भु कुमार ने कहा कि पानी मानव जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। पानी के बिना जीवन की कल्पना करना बेमानी है। उन्होंने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन के महत्व को समझते हुए सभी ग्राम प्रधानों को पत्र भेजकर खेत का पानी खेत में और गाॅव का पानी गाॅव में संचयित किये जाने का आहवान्ह किया है। जिलाधिकारी श्री कुमार ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने हज़ारों वर्ष पूर्व पानी के महत्व को समझ लिया था। तभी तो विश्व की सभी कड़ी सभ्यताएं पानी विशेषकर नदियों के किनारे परवान चढ़ीं। इतिहास इस बात का भी साक्षी है कि पूरी तरह से नदियों एवं जल स्रोतों के किनारे फल-फूल रही सभ्यताओं को पानी की कमी की वजह से पलायन भी करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि पानी का उचित प्रबन्ध और वर्षा जल संचयन आज वक्त की ज़रूरत है। इसके लिए समाज के सभी वर्गों को एक साथ उठ खड़ा होना होगा, अन्यथा काफी देर हो जायेगी। जिलाधिकारी ने कहा कि नदियों का संरक्षण एवं पुनरूद्धार केन्द्र व राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। भारतवर्ष के लिए जीवनदायनी का किरदार निभाने वाली गंगा नदी को प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए महाभियान चलाया जा रहा है। जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की कि पानी का विवेकपूर्ण प्रयोग करें तथा अपने आस-पास के जल स्रोतों को संरक्षित रखने में सहयोग प्रदान करें। श्री कुमार ने ग्राम प्रधान का आहवान्ह किया कि ग्रामवासियों के सहयोग से ग्राम के पास बहने वाली टेढ़ी नदी की स्वच्छता को बनाये रखने के साथ-साथ वर्षा जल संचयन को एक पुनीत कर्तव्य मानते हुए खेतों की मेढ़बन्दी, चेकडैम का निर्माण, तटबन्ध तालाबों की खुदाई व सफाई, वृक्षारोपण आदि कार्यो पर भी विशेष बल दें। जिलाधिकारी ने कहा कि प्राकृति के साथ खिलवाड़ करने वाले लोग एक मात्र किसी नदी, जल स्रोत या पेड़-पौधों के साथ खिलवाड़ नहीं करते हैं बल्कि सम्पूर्ण समाज के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि जल है तो कल है, इसलिए हमें पानी के मोल को समझना होगा, और एक-एक बूॅद जल का विवेकपूर्ण प्रयोग करना होगा। जिलाधिकारी ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को जल संरक्षण की शपथ भी दिलायी। मुख्य विकास अधिकारी अरविन्द चैहान ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए लोगों का आहवान्ह किया कि जल संचय कार्यक्रम में अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करें। श्री चैहान ने कहा कि यदि खेत का पानी खेत में और गाॅव का पानी गाॅव में नहीं रूकेगा तो भूमि की उर्वरा शक्ति तो नष्ट होगी ही साथ ही मानव व पशुओं का जीना भी दुश्वार हो जायेगा। उन्होंने ग्रामवासियों से अपील की कि प्रधानमंत्री के जल संचयन के सन्देश को धरातल पर उतारे। कार्यक्रम के दौरान श्री चैहान ने प्रधानमंत्री के पत्र को पढ़ कर सुनाया। उपायुक्त मनरेगा शेषमणि सिंह ने लोगों का आहवान्ह किया कि जल संचयन के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण करें, तालाबों को साफ-सुथरा रखने के साथ-साथ खेतों की मेढ़बन्दी कर वर्षा के जल को खेत में ही सुरक्षित रखें। भूमि संरक्षण अधिकारी बच्चा राम यादव ने कहा कि जल के संरक्षण को लेकर सभी किसानों का जागृत होना होगा। उन्होंने कहा कि वर्षा के समय खेतों की मेढ़बन्दी कर वर्षा के जल को खेत में रोका जा सकता है। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति में तो इज़ाफा होगा ही साथ ही भूतल जल स्तर को भी संभाला जा सकता है ताकि हमें अधिक समय तक पानी उपलब्ध होता रहे। इस अवसर पर प्रभागीय वनाधिकारी बहराइच आर.पी. सिंह, कतर्नियाघाट के जी.पी. सिंह, जिला विकास अधिकारी राजेश कुमार मिश्र, प्रभारी बीडीओ उग्रसेन सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी, क्षेत्र पंचायत प्रमुख प्रतिनिधि कमलेश वर्मा, ग्राम प्रधान बजरंगी सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी मौजूद रहे।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






