बहराइच। विगत डेढ दशक से उत्तर प्रदेश की भारत नेपाल सीमा पर मानव तस्करी के विरूद्ध कार्य कर रही संस्था- डेवलपमेन्टल एसोसिएशन फार ह्यूमन एडवांसमेंट-देहात को अपने नेपाली नेटवर्क से यह सूचना मिली कि कोई मानव तस्कर किसी किशोरी को लेकर भारत की ओर आ रहा है।
सूचना मिलते ही तत्काल सशस्त्र सीमा बल के जवान और देहात संस्था के लोग सतर्क हो निगरानी करने लगे।
समय 7.00 बजे शाम को नेपालगंज की ओर से एक बस आयी जिसकी जांच करने पर उसमें एक युवक व एक युवती संदिग्ध स्थिति में बैठे पाये गये।
ड्यूटी पर तैनात सशस्त्र सीमा बल के जवान राकेश कुमार, महिला आरछी- शिल्पा कुमारी,मोनिका कुमारी व देहात संस्था के बूथ स्टाफ देवेश अवस्थी, सा0 कार्यकर्ता पवन कुमार एवं गोविन्द अवस्थी के साथ मिलकर लड़की से पूछ ताछ की।
पूछताछ करने पर युवती ने अपना नाम-आयुषा तामांग ( काल्पनिक),पिता का नाम,सागर तामांग पता- धारके वार्ड न.01 नगर पालिका,धुनिवेसी,
जिला- धाडींग (नेपाल) (उम्र-17 वर्ष ) बताया। नौकरी का झांसा देकर भारत के रास्ते गोवा ले जा रहा था।
लड़की ने कहा कि ये लड़का गोवा के एक कम्पनी मे अकाउंटेंट के काम के लिए झांसा देकर ले जा रहा था।
किंतु पूछताछ करने पर युवक इसका कोई भी सबूत या प्रमाण नही दिखा सका और न ही कंपनी का कोई नाम ही बता सका।
मुक्त कराकर लड़की को नेपाल के NGO टेनी हैण्ड,(सना हाथ )को सुपुर्द कर दिया गया तथा मानव तस्कर
सुनील रसाईली पुत्र नरबहादुर रसाईली
निवासी- बाबरपुर, पालिका- बबाई, जिला-डांग (नेपाल) को नेपाल पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया।
ज्ञात हो कि देहात संस्था द्वारा कैरीटास इंडिया के साथ मिलकर भारत नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में मानव तस्करी के विरूद्ध “स्वरक्षा” कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिससे मानव तस्करी पर नकेल कस रही है।
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