बहराइच। बाल श्रम, बच्चे के बचपन को तबाह करता है और किसी भी बच्चे के बचपन का तबाह होना उसके पूरे जीवन का तबाह होना है। बाल श्रम और इस जैसी कुप्रथाएं भारत के बचपन की हत्या कर रही हैं जिसे रोकना ही होगा। ” यह बात सामाजिक कार्यकर्ता, देहात संस्था के मुख्य कार्यकारी एवं चाईल्ड लाईन के निदेशक डा० जितेन्द्र चतुर्वेदी ने कही। वे देहात संस्था की स्वरक्षा परियोजना के अंतर्गत सरस्वती शिशु मंदिर रूपैडीहा में आयोजित बाल श्रम विरोधी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
कार्यशाला में कैरीटास इंडिया-नयी दिल्ली के कार्यक्रम अधिकारी अनिमेश विलियम्स ने कहा कि इस कुप्रथा को जड से मिटाने के लिए समुदाय, स्वैच्छिक संस्थाओं एवं सरकार को मिलकर इसकी जडों पर प्रहार करना होगा।
नेपाल की स्वैच्छिक संस्था-शक्ति समूह की सुनीता चौधरी ने कहा कि बाल श्रम भारत और नेपाल दोनों देशों के बच्चों का बचपन छीन रहा है और दोनों देशों को कंधा मिलाकर इस कुप्रथा के विरूद्ध खडे होना होगा।
सशस्त्र सीमा बल के सहायक कमांडेंट अरूण कुमार ने कहा कि माता पिता बच्चे के हितों को ध्यान में रखकर उसकी शिक्षा जारी रखें और भरपूर प्यार दें तभी इस कुप्रथा का नाश होगा और सशस्त्र सीमा बल इस दिशा में उठाये गये हर कदम का पक्षधर है।
स्थानीय व्यापारी संजय गुप्ता ने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि यह कुप्रथा जल्द खत्म हो।
कार्यक्रम में एंटी ट्रैफिकिंग एक्शन ग्रुप (आग) की फूल जहां एवं शादमा कुरैशी, चाईल्ड लाईन- बहराईच के समन्वयक इमरान, शिक्षाविद प्रवीन श्रीवास्तव आदि ने भी संबोधित किया।
संचालन हसन फिरोज ने किया जबकि आयोजन में पवन यादव, देवेश अवस्थी, गोविंद अवस्थी, निर्मला शाह आदि शामिल रहे।
कार्यक्रम के पश्चात रूपैडीहा कस्बे में सरस्वती शिशु मंदिर से भारत नेपाल सीमा द्वार तक एक जागरूकता रैली भी निकाली गयी।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






