बहराइच 20 मई। जिला उद्यान अधिकारी, बहराइच के कार्यालय परिसर में विश्व मधुमक्खी दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जिला उद्यान अधिकारी पारसनाथ ने बताया कि वर्तमान समय में ग्लोवल वार्मिंग व अनावश्यक कृषि रक्षा रसायनों के प्रयोग से प्राकृतिक रूप से निवास कर रहीं मधुमक्खियों की संख्या काफी कम हो गयी है। जिससे बागवानी एवं कृषि फसलों पर परागण न होने से उत्पादन कर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इस कमी को मधुमक्खी पालन कर दूर किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा इस वर्ष राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत तथा नेशनल बी-बोर्ड के सौजन्य से 35 किसानो के यहाॅं मधुमक्खी पालन का कार्य कराया जा रहा है।
इस अवसर पर योजना प्रभारी आर.के. वर्मा द्वारा बताया गया कि मधुमक्खी पालन से बागवानी एवं कृषि फसलों पर परागण होने से इनके उत्पादन में 25 से 30 प्रतिशत तक वृद्धि होती है। साथ ही मधुमक्खी पालन से शहद, रायल जैली, बी-पोलन, प्रपोलिस एव ंबी-बैक्स आदि का भी उत्पादन प्राप्त होता है। जिससे किसान को फसलों के उत्पादन के साथ-साथ एक अतिरिक्त आय का अच्छा स्रोत पैदा होता है। श्री वर्मा ने बताया कि मधुमक्खी पालन किसानों के लिए बहुत ही अच्छा रोजगार का साधन है। जिससे काफी हद तक युवाओं का ग्रामीण क्षेत्रों से होने वाले पलायन को रोका जा सकता है। इस अवसर पर प्रगतिशील कृषक रेशम सिंह, लालता प्रसाद, हबीब खाॅ, गुलाम मोहम्मद आदि ने भी अपने अनुभव किसानों के साथ साझा किये गये।
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