बहराइच 02 मई। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2019 के लिए 06 मई 2019 को होने वाले मतदान में प्रतिरूपण को रोकने की दृष्टि से मतदान के समय मतदाता को अपनी पहचान सिद्ध करने के लिए अपना मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा, परन्तु ऐसे मतदाता जो अपना मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए निर्धारित किये गये 11 वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेज़ों में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा। भारत निर्वाचन आयोग की ओर से यह भी निर्देश प्राप्त हुए हैं कि मतदाताओं की जानकारी के लिए मतदान केन्द्रों पर सुझाये गये विकल्पों के पोस्टर्स को प्रमुखता के साथ प्रदर्शित किया जाय ताकि सभी मतदाताओं को विकल्प के सम्बन्ध में जानकारी हो सके।
यह जानकारी देते हुए अपर जिलाधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी राम सुरेश वर्मा ने बताया कि वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेज़ों के रूप में पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेन्स, राज्य/केन्द्र सरकार के लोक उपक्रम, पब्लिक लिमिटेड कम्पनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र, बैंकों/डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, पैन कार्ड, एनपीआर के अन्तर्गत आरजीआई द्वारा जारी किये गये स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना अन्तर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज़, सांसदों, विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किये गये सरकारी पहचान पत्र एवं आधार कार्ड प्रस्तुत किये जा सकेंगे।
अपर जिलाधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उपरोक्त किसी भी बात के होते हुए भी प्रवासी निर्वाचक जो अपने पासपोर्ट में विवरणों के आधार पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20क के अधीन निर्वाचक नामावली में पंजीकृत हैं, उन्हें मतदान केन्द्र में उनके मूल पासपोर्ट (तथा कोई अन्य पहचान दस्तावेज़ नहीं) के आधार पर ही पहचाना जायेगा।
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