सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मध्य प्रदेश में सपा विधायक को मंत्री न बनाए जाने से कांग्रेस से नाराज है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने एमपी में कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया है, फिर भी कांग्रेस ने हमारे विधायक को मंत्री नहीं बनाया। अखिलेश ने आगे कहा कि ऐसी हरकत कर कांग्रेस ने यूपी में हमारा रास्ता साफ कर दिया है। अखिलेश के रुख से साफ हो गया है कि सपा-बसपा गठबंधन से कांग्रेस बाहर रहेगी। पहले भी यही कयास लगाए जा रहे थे कि सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस शामिल नहीं होगी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ऐसे ही संकेत दिए थे। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 214, बसपा को दो व सपा को एक सीट मिली थी। जिसके बाद बहुमत के लिए जरूरी सीटों को जुटाने के लिए सपा-बसपा ने कांग्रेस का बिना शर्त समर्थन दिया था। समर्थन का एलान करते हुए मायावती ने कहा था कि हम एमपी में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दे रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस को अहंकार से भरा हुआ करार दिया था। ऐसे में पहले मायावती व अब अखिलेश यादव के रुख से यह लगभग साफ लग रहा है कि यूपी में कांग्रेस सपा-बसपा गठबंधन से बाहर रहेगी। अखिलेश ने कहा कि पहले राज्यपाल रामनाईक प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते थे, पर अब चुप रहते हैं। जबकि प्रदेश की कानून-व्यवस्था बदहाल है। अब राजभवन में लोगों को बुलाकर खाना खिलाया जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले तो लोगों को सपना दिखाया और अब तक वादों को पूरा नहीं कर सके हैं। जब हम विकास कर रहे थे तो हमें जाति व धर्म से तौला गया था। लोकभवन में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा लगवाने की बात पर अखिलेश ने भाजपा को बधाई दी और कहा कि आने वाले समय में सपा भी वहां चुने हुए नेताओं की प्रतिमा लगवाएगी। वहीं, कुंभ को लेकर की जा रही तैयारियों पर अखिलेश ने कहा कि यह अच्छी बात है कि एक बार नेता जी (मुलायम सिंह यादव) ने कुंभ करवाया था और एक बार मैंने।
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