अपने बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाले यूपी में बलिया के बैरिया से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत पर पुलिस को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। विधायक ने कहा कि इंस्पेक्टर सहित एक कार्यकर्ता की हत्या पुलिस की लापरवाही से हुई है। अगर पुलिस ने गोहत्या करने वालों को समय से गिरफ्तार कर लिया होता तो इस तरह की घटना नहीं होती। उन्होंने कहा कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ओपन फायरिंग नहीं की है। साथ ही कहा कि इंस्पेक्टर सुबोध की मौत कार्यकर्ताओं की गोली से नहीं हुई है। बीजेपी विधायक ने मंगलवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मुझे संदेह है कि पुलिस की ओर से की गई फायरिंग में इंस्पेक्टर सुबोध की मौत हुई है। हो सकता है कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पथराव किया हो लेकिन उन्होंने फायरिंग नहीं की। वे लोग वहां गोलियां लेकर नहीं गए थे। उन्होंने कहा कि पुलिस ने बजरंग दल के बुलंदशहर जिला समन्वयक योगेश राज को मुख्य आरोपी बनाया है, यह गलत है। पुलिस ने भी उन्हें जानबूझकर गोली नहीं मारी लेकिन पुलिस की लापरवाही जरूर कहा जाएगा। यह है मामला
बुलंदशहर के स्याना में गोकशी के अवशेष मिलने पर गुस्साई भीड़ ने जमकर तांडव मचाया। लोगों ने बुलंदशहर स्याना रोड जामकर पुलिस पर पथराव भी किया। इस दौरान पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह समेत स्थानीय युवक सुमित की मौत भी हो गई थी। डॉक्टरों ने बताया था कि इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की मौत किसी नुकीले वस्तु को लगने से हुई है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही यह जानकारी सामने आएगी। वहीं सुमित की मौत कारण प्रथम द्रष्टया गोली से मौत का मामला सामने आया है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से मुख्य खुलासा होगा। गोकशी की सूचना के बाद भड़की हिंसा के मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की जांच करके दो दिन में रिपोर्ट देने को कहा है।
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