वाराणसी सेंट्रल जेल से 16 साल बाद पाकिस्तानी कैदी जलालुद्दीन को रविवार सुबह रिहाई दे दी गई. पुलिस अभिरक्षा में वह अपने वतन पाकिस्तान के लिए रवाना भी हो गया. 5 नवंबर की सुबह उसे वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तानी पुलिस को सुपुर्द कर दिया जाएगा. खास बात कि जब जलालुद्दीन बनारस के सेंट्रल जेल में पहुंचा था तो हाईस्कूल में था, जाते समय एमए की डिग्री और श्रीमद्भागवत गीता साथ लेकर गया है.दरअसल, वाराणसी में 16 साल पहले पाकिस्तान के सिंध प्रांत के गरीबाबाद के रहने वाले जलालुद्दीन उर्फ जलालु को 2001 में कैंटोनमेंट एरिया में एयरफोर्स के ऑफिस के पास से कुछ संदिग्ध डाक्यूमेंट्स के साथ गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार होने के बाद से वह वाराणसी की सेंट्रल जेल में बंद था.सबसे बड़ी बात यह है कि जलालुद्दीन ने लेटर लिखे हैं, एक हिंदी और दूसरा उर्दू में है. जलालुद्दीन ने अपने लेटर में लिखा है, ‘मैं पाकिस्तानी बंदी जिसने 16 वर्ष हिंदुस्तान की जेल में गुजार दिए हैं. मुझे कभी भी यह एहसास नहीं हुआ कि मैं हिंदुस्तान में सजा काट रहा हूं. कुछ कट्टरपंथी लोगों ने तो दोनों देश को अलग करवा दिया, लेकिन दिल को अलग न कर सके. मुझे जेल में यहां के लोगों से इतना प्यार मिला कि यह एहसास ही नहीं हुआ कि मैं अपने परिवार से दूर हूं.’
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