बहराइच 03 नवम्बर। प्रमोशन आफ एग्रीकल्चरल मैकनाइजेशन फार इन-सीटू मैनेजमेन्ट आफ क्राप रेज्ड्यू योजनान्तर्गत अनुमन्य कृषि यंत्रों के वितरण हेतु कृषकों का चयन, कृषकों द्वारा 08 कृषि यन्त्रों सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (सुपर एसएमएस) कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ, हैपी सीडर, पैडी स्ट्रा चापर/श्रेडर/मल्चर, सब्र मास्टर/कटर कम स्प्रेडर, रोटरी स्लेशर, रिवरसेबिल एमबी प्लाऊ, जीरो-टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, रोटावेटर के क्रय किये जाने तथा अनुदान भुगतान की प्रक्रिया का सरलीकरण करते हुए 06 नवम्बर तक विशेष व्यवस्था दी गयी है। यह जानकारी देते हुए उप निदेशक कृषि डा. आरके सिंह ने बताया कि योजनान्तर्गत जनपद के पंजीकृत (जो पंजीकृत नहीं उनका तत्काल पंजीकृत करते हुए) इन-सीटू प्रबन्धन के यन्त्रों का क्रय करना चाहते हैं उन्हें यह स्वतन्त्रा दी गयी है कि वे भारत सरकार द्वारा अधिकृत निर्माता कम्पनियों अथवा उनके अधिकृत विक्रेताआंे से स्वेच्छा से बिना किसी औपचारिक चयन पत्र निर्गत हेुए यन्त्र खरीद सकेंगे। योजनान्तर्गत एक अथवा दो यन्त्र खरीदने वाले कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान या जो भी अधिकतम सीमा के अन्तर्गत अनुदान अनुमन्य होगा तथा इससे अधिक यन्त्र खरीदने वाले कृषकों का 10 लाख तक के कस्टम हायरिंग स्थापना हेतु योजनानुसार 80 प्रतिशत अनुदान अनुमन्य होगा। उन्होंने बताया कि यन्त्रों को क्रय करने के पश्चात सम्बन्धित कृषक द्वारा बिल को उप कृषि निदेशक कार्यालय में जमा किया जायेगा। साथ ही न्यूनतम 10 रू. स्टाम्प पेपर पर इस आशय कि अन्डरटेंडिग/निर्धारित प्रारूप पर दी जायेगी कि उनसे इस यन्त्र को क्रय कर लिया है तथा सत्यापन के दौरान इन यन्त्रों का क्रय किया जाना नही पाया जाता है तो उनके विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट आदि सम्बन्धित जो भी कार्यवाही की जायेगी। वह उसे स्वीकार होगी। उप कृषि निदेशक द्वज्ञरा कृषक से बिल एवं अन्डरटेंकिंग (शपथ पत्र) प्राप्त होने के पश्चात 24 घण्टे के अन्दर कृषक द्वारा प्रस्तुत अभिलेख अपलोड कर तत्काल नियमानुसार बिल बनाकर संयुक्त कृषि निदेशक (अभियन्त्रण) उ.प्र. कृषि भवन लखनऊ के बेवसाइट पर लाॅगिन कर अनुदान की धनराशि कृषक के खाते में भेजा जायेगा। बिल अपलोड होने के एक माह के अन्दर यंत्रों का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि दी गयी शासनादेश में दी गयी व्यवस्थाओं के अनुसार 06 नवम्बर 2018 तक यन्त्रों का क्रय करते हुए बिल अपलोड करने वाले कृषकों के लिए मान्य होगी। कृषक द्वारा कृषि यन्त्र के बिल के साथ अपने बैंक पासबुक के चालू खाते की छायाप्रति, आधार कार्ड, खसरा, खतौनी तथा मोबाइल नम्बर उपलब्ध कराना होगा। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि कृषक के नाम एक पंजीकरण हो जो वैध हो।
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