Breaking News

आवश्यकता है “बेखौफ खबर” हिन्दी वेब न्यूज़ चैनल को रिपोटर्स और विज्ञापन प्रतिनिधियों की इच्छुक व्यक्ति जुड़ने के लिए सम्पर्क करे –Email : [email protected] , [email protected] whatsapp : 9451304748 * निःशुल्क ज्वाइनिंग शुरू * १- आपको मिलेगा खबरों को तुरंत लाइव करने के लिए user id /password * २- आपकी बेस्ट रिपोर्ट पर मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ३- आपकी रिपोर्ट पर दर्शक हिट्स के अनुसार भी मिलेगी प्रोत्साहन धनराशि * ४- आपकी रिपोर्ट पर होगा आपका फोटो और नाम *५- विज्ञापन पर मिलेगा 50 प्रतिशत प्रोत्साहन धनराशि *जल्द ही आपकी टेलीविजन स्क्रीन पर होंगी हमारी टीम की “स्पेशल रिपोर्ट”

Wednesday, March 19, 2025 6:11:33 AM

वीडियो देखें

सीएम योगी ने कहा -न्याय मिलने में देरी अन्याय के समान,धैर्य रखे संत समाज

सीएम योगी ने कहा -न्याय मिलने में देरी अन्याय के समान,धैर्य रखे संत समाज

अयोध्या मामले की सुनवाई जनवरी तक के लिए टल जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संत समाज से धैर्य रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा वक्त है जब संतों को इस मुद्दे के समाधान में जो भी सार्थक प्रयास हो सकते हैं, उसमें सहभागी बनना चाहिए। जिससे कि देश में शांति और सौहार्द्र की स्थापना हो सके और साथ ही संवैधानिक संस्थाओं के प्रति सम्मान का भाव भी सुदृढ़ हो सके। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। मैं भी यही चाहता हूं कि इस पर लगातार सुनवाई हो और जल्द से जल्द समाधान निकाला जा सके। देश का बहुसंख्यक समाज यही चाहता है। अगर न्याय मिलने में देरी होती है तो निराशा होती है। कई बार देरी से मिला न्याय अन्याय के समान होता है। हम सभी इस पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। कोई न कोई रास्ता अवश्य निकलेगा। ये पूछने पर कि क्या अध्यादेश लाना सही विकल्प होगा…। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मामला कोर्ट में है। देश की शांति ओर सौहार्द्र की स्थापना के लिए जो भी विकल्प हो सकते हैं। उन पर विचार करना चाहिए। अच्छा तो यही होता कि सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करते हुए निर्णय दे देता लेकिन अभी इसकी संभावना नहीं दिखती। योगी ने कहा कि सर्वसम्मति से इस मसले का समाधान निकले तो सर्वोत्तम है। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले की सुनवाई जनवरी तक के लिए टाल दी है। जनवरी 2019 में तय होगा कि सुनवाई कब और कौन सी पीठ करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि हमारी अपनी प्राथमिकताएं हैं। हमें नहीं पता तारीख क्या होगी। यह जनवरी, मार्च या अप्रैल भी हो सकती है।

व्हाट्सएप पर शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *