बहराइच 16 अक्टूबर। आकांक्षात्मक जनपद बहराइच में शिक्षा के स्तर में गुणात्मक सुधार जाये जाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव की ओर से संचालित किये जा रहे अभिनव अभियान विद्यादान में महाविद्यालय के शिक्षकों व छात्र-छात्राओं की सहभागिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सोमवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक सम्पन्न हुई जिसमें जिले के विभिन्न महाविद्यालयों के प्रतिनिधि व सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। बैठक को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी ने महाविद्यालयों के शिक्षकों व छात्र-छात्राओं का आहवान्ह किया कि विद्यादान कार्यक्रम में अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि विद्यादान का महत्व किसी भी दशा में रक्तदान से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से हम रक्तदान करके किसी मरते हुए व्यक्ति का जीवन बचा सकते है ठीक इसी तरह से ज़रूरतमन्द व अशिक्षित तथा बच्चों को विद्या का दान करके हम उन्हें व उनके परिवार को बहुत कुछ दे सकते हैं। उन्होंने शिक्षकों व छात्र-छात्राओं से अपील की कि अपनी सुविधानुसार परिषदीय विद्यालयों का चयन कर उसकी सूची जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को उपलब्ध करा दें ताकि अग्रिम कार्यवाही की जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि वालेन्टियर के रूप में महाविद्यालय के शिक्षकों व छात्र-छात्राओं के परिषदीय स्कूलों में जाने से वहाॅ पर शिक्षा का माहौल बनेगा। विद्यालयों में वालेन्टियर शिक्षक के रूप में जाने वाले व्यक्तियों से विद्यालय के सम्बन्ध में अनेको जानकारी प्राप्त होने से तद्नुसार स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं का विकास करने में मदद मिलेगी। वालेन्टियर्स के स्कूल जाने से शिक्षिकों व छात्र-छात्राओं की उपस्थिति में सुधार के साथ-साथ विद्यालयों के लिए गठित की गयी विभिन्न समितियों के पदाधिकारियों व ग्राम प्रधानों में नई ऊर्जा का संचार होगा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि स्कूलों में जाने वाले वालेन्टियर्स जब बच्चों को स्कूली शिक्षा के साथ आचरण, व्यवहार, रहन-सहन, पर्यावरण, प्रकृति, वन्य जीवों तथा उनके नैतिक कर्तव्यों के बारे में जानकारी देने स्कूलों में आने वाले छात्र-छात्राओं में शिक्षा का तो विकास होगा ही साथ ही वह जिम्मेदार नागरिक भी बन सकेंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि शीघ्र ही एक दिन सभी लोग एक साथ विद्यादान के लिए स्कूलों में जायेंगे, इससे सम्पूर्ण समाज में अच्छा सन्देश जायेगा। उन्होंने सूचना विज्ञान केन्द्र के तकनीकी निदेशक एस.ए.एच. रिज़वी को निर्देश दिया कि विद्यादान के लिंक विकसित करें। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने आकांक्षात्मक जनपदों के निर्धारित स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा जैसे इन्डीकेटर्स की समीक्षा करते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक को निर्देश दिया कि नवनिर्मित विद्यालयों में विद्युतीकरण आदि का कार्य शीघ्र से शीघ्र से पूर्ण कराकर उनका संचालन सुनिश्चित करायें। जिलाधिकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिया कि जनपद से कुपोषण व ऐनीमिया को समाप्त करने के लिए गर्भवती, धात्री, किशोरियों व बच्चों की अलग-अगल ड्यू लिस्ट तैयार करायें। साथ ही पोषाहार से बनाये गये विभिन्न प्रकार के व्यंजनों से कुपोषण को समाप्त करने में क्या प्रभाव पड़ रहा है, इसका भी एक विस्तृत ब्यौरा तैयार करायें। उन्होंने कहा कि स्थानीय मौसमी फलों के साथ-साथ पोषाहार में स्थानीय व्यंजनों को भी स्थान दिया जाय। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय, प्रशिक्षु आईएएस प्रभाष कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. ए.के. पाण्डेय, जिला विकास अधिकारी वीरेन्द्र कुमार सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक राजेन्द्र कुमार पाण्डेय, जिला पंचायत राज अधिकारी के.बी. वर्मा सहित अन्य अधिकारी व महाविद्यालयों के प्रतिनिधिगण मौजूद रहे।
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