बहराइच 04 अक्टूबर। गन्ना विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, गन्ना विकास की योजना (जिला योजना) तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत कृषकों को डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डी.बी.टी) के माध्यम से अनुदान धनराशि को सीधे लाभार्थी कृषकों के बैंक खाते में हस्तगत की जायेगी। पात्र लाभार्थी कृषक गन्ना समितियों के माध्यम से इफको/कृभको/भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ/उ0प्र0 गन्ना शोध परिषद, शाहजहाॅपुर/प्रदेश के कृषि विश्व विद्यालय द्वारा उत्पादित माइक्रोन्यूट्रियन्ट, कृषि रक्षा रसायन तथा बायोफर्टिलाइजर क्रय कर सकेगा। यह जानकारी देते हुए जिला गन्नाधिकारी ने बताया कि कृषि यंत्रों हेतु चयनित पंजीकृत कृषक स्वेच्छा से किसी भी कम्पनी का कृषि यंत्र जो आई.एस.आई.मार्क, सी.आई.ए.ई(सेन्ट्रल इन्स्टीट्यूट आफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग), एस.ए.यू. (स्टेट एग्रीकल्चर यूनिर्वसिटीज) अथवा एफ.एम.टी.पी.आई. (फार्म मशीनरी ट्रेनिंग एण्ड टेस्टिंग इन्स्टीट्यूट) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप हों, को अपनी आवश्यकतानुसार खुले बाजार में अधिकृत विक्रेता से क्रय कर सकता है। उन्हांेने बताया कि लाभार्थियों के चयन में अनुदान हेतु कृषि यंत्र, क्षेत्र प्रदर्शन, अभिजनक/आधार बीज यातायात एवं आधार/प्राथमिक पौधशाला बीज वितरण कार्यक्रम हेतु एक कृषक को प्रत्येक मद में तीन वर्ष में एक बार ही लाभान्वित किया जायेगा। जिला गन्नाधिकारी ने बताया कि शरदकालीन बुआई में आधार/प्राथमिक पौधशाला बीज वितरण कार्यक्रम, अभिजनक/आधार यातायात एवं प्रदर्शन कार्यक्रम के अन्तर्गत अनुदान लाभ लेने हेतु लाभार्थी कृषक को अधिकतम 15 अक्टूबर एवं बसन्तकलीन बुआई में आधार/प्राथमिक पौधशाला बीज वितरण कार्यक्रम, अभिजनक/ आधार यातायात एवं प्रदर्शन कार्यक्रम के अन्तर्गत अनुदान लाभ लेने हेतु अधिकतम 15 फरवरी तक ही चयन पत्र जारी किये जाने होगें। किसी भी कार्यक्रमों में प्रत्येक वित्तीय वर्ष के 15 फरवरी के बाद चयन पत्र जारी नहीं होगें। उन्होंने बताया कि डी.बी.टी. द्वारा कृषकों के चयन में पारदर्शिता आयेगी तथा चयनित लाभार्थियों के खाते में सीधे जायेगी अनुदान धनराशि पारदर्शी किसान सेवा योजना के वेब पोर्टल यूपीएजीआरआईसीयूएलटीयूआरई डाॅट काम पर गन्ना विभाग के पोर्टल पर आॅनलाईन पंजीकरण के माध्यम से डी.बी.टी. का लाभ देय होगा। कृषकों का चयन ऑनलाइन किया जायेगा और कृषक अपने चयन पत्र को सीधे डाउनलोड कर सकेगें। लाभार्थी कृषकों को योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु आधार से लिंक किया जाना आवश्यक होगा।
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