बहराइच 12 सितम्बर। भारत सरकार के सहयोग से खुरपका मुँहपका रोग नियन्त्रण
(एफएमडीसीपी) कार्यक्रम अन्तर्गत जनपद बहराइच में 15 सितम्बर 2018 से
टीकाकरण का 23वाँ चरण संचालित किया जायेगा। टीकाकरण अभियान के 23वें चरण
में सम्पूर्ण जनपद के लगभग 8,57,000 पशुओं के निःशुल्क टीकाकरण का लक्ष्य
रखा गया है। जिसके लिए 55 टीमों का गठन किया गया है। यह जानकारी देते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. बलवन्त सिंह ने बताया
कि खुरपका-मुहँपका बीमारी से बचाव के लिए 15 सितम्बर 2018 से कुल 45
दिवसों के लिए टीकाकरण अभियान संचालित किया जा रहा है। डा. सिंह ने बताया
कि प्रत्येक छः माह के अन्तराल पर टीकाकरण अभियान संचालित किया जाता है। उन्होंने बताया कि खुरपका-मुहँपका बीमारी पशुओं में होने वाली एक घातक
जानलेवा बीमारी है, जो कि एक विषाणु जनित रोग है। यह बीमारी मुख्यतः गाय,
बैल, भैंस, भेड़, बकरी तथा सूकरों में होती है, जो रोगग्रसित पशुओं के
सम्पर्क में आने और साथ में खाने पीने से फैलती है। इस बीमारी में पशु को
106 से 107 डिग्री फाॅरेनहाइट तक तेज बुखार आना, मुँह से झाग नुमा लार का
गिरना, चप-चपाहट की आवाज, मुँह, जीभ तथा थनों एवं खुरों के बीच में छाले
पड़ जाते हैं। पशु का अत्यधिक दुर्बल होना, उत्पादकता में कमी तथा गर्भित
पशुओं का गर्भपात हो जाना इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. सिंह ने बताया कि रोग की उग्र अवस्था में
यह सभी लक्षण उग्र रूप से प्रकट होते हैं तथा इसमें पशुओं की मृत्यु भी
हो जाती है। रोग से मुक्त हो जाने के पश्चात पशु के स्वस्थ होने में काफी
समय लगता है। उन्होंने बताया कि इस रोग से बचाव हेतु एक ही उपाय खुरपका
मुँहपका का टीकाकरण है। उन्हांेने पशुपालकों को सुझाव दिया है कि
स्वस्थ्य पशुओं को बीमार पशुओं से अलग रखें। जिलाधिकारी ने पशुपालकांे से अपील की है कि टीकाकरण टीम के गाॅव पहुॅचने
पर पशुओं का टीकाकरण अवश्य करायें ताकि आपके सभी पशुधन इस खतरनाक बीमारी
से बचे रहें। उन्होंने बताया कि टीकाकरण पूर्णतयः निःशुल्क है। यदि किसी
पशुपालक को कोई समस्या हो तो दूरभाष नम्बर 05252-235728, 8765957953 एवं
9415527413 पर सुझाव/समस्या हेतु सम्पर्क किया जा सकता है। सी.वी.ओ. डा. सिंह ने बताया कि टीकाकरण अभियान के सफल संचालन के लिए जिले
में 55 टीमें गठित की गयी हैं। सभी टीमों के दिवसवार रूट चार्ट निर्धारित
किया गया है। श्री सिंह ने बताया कि खुरपका मुँहपका नियंत्रण कार्यक्रम
के अन्तर्गत 04 माह से कम आयु के बच्चों तथा 08 माह से अधिक गर्भित पशुओं
का टीकाकरण नहीं किया जायेगा। डा. सिंह ने बताया कि घोड़ा व गदहा इस रोग
से पीड़ित नहीं होते हैं।
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