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Tuesday, February 11, 2025 8:09:06 PM

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शिक्षक भर्ती में कई गड़बड़ियां आई सामने, रिजल्ट तैयार करने वाली एजेंसी पर गाज गिरना तय

शिक्षक भर्ती में कई गड़बड़ियां आई सामने, रिजल्ट तैयार करने वाली एजेंसी पर गाज गिरना तय

68500 शिक्षक भर्ती में रिजल्ट तैयार करने वाली एजेंसी पर गाज गिरना तय है। एजेंसी को ब्लैक लिस्ट किए जाने की तैयारी चल रही है, क्योंकि एजेंसी की लापरवाही के बिना कॉपियों और कंप्यूटर पर चढ़े नंबरों में अंतर नहीं हो सकता है। इसके अलावा भी कई गड़बड़ियों के लिए एजेंसी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी के कई मामले सामने आने के बाद शासन की ओर से सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुत्ता सिंह को निलंबित किया जा चुका है, जबकि सचिव बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिन्हा और रजिस्ट्रार जीवेंद्र सिंह एरी पद से हटा दिए गए हैं। अब रिजल्ट तैयार करने वाली एजेंसी की बारी है। अब तक जिस तरह की गड़बड़ियां सामने आईं हैं, उनमें यह स्पष्ट हो चुका है कि नंबर चढ़ाने में भी लापरवाही हुई है। एक अभ्यर्थी को कॉपी में 122 नंबर मिले और कंप्यूटर पर 22 नंबर चढ़ा दिए गए। इसी तरह कई अन्य अभ्यर्थियों ने भी अपनी शिकायतें दर्ज कराई हैं। इसके अलावा महिला अभ्यर्थी राधिका देवी की कॉपी ही बदल दी गई। कॉपी में फेल हुए कई अभ्यर्थी पास कर दिए गए, क्योंकि कंप्यूटर में उनके नंबर अधिक चढ़ा दिए गए थे। सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा का परिणाम तैयार करने की जिम्मेदारी एक एजेंसी को सौंपी गई थी। अब यह मामला सामने आ रहा है कि इस पूरे मामले में एजेंसी की भी बड़ी लापरवाही है और इसी वजह से एजेंसी को ब्लैक लिस्ट किए जाने की तैयारी चल रही है। गौरतलब है कि 68500 शिक्षक भर्ती में 41556 पदों पर अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से चयनित घोषित किया गया था। आरक्षण निर्धारण में विवाद के कारण बाद में 6127 अन्य अभ्यर्थी भी चयनित घोषित किए गए। 68500 शिक्षक भर्ती में रोज नई गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। अभ्यर्थियों को स्कैन कॉपी मिलने के बाद विवाद और बढ़ गया है। अभ्यर्थी अनूप सिंह, मनोज कुमार, नंदलाल, विशाल प्रताप, अकांक्षा सिंह, अजमल, अनिरुद्ध शुक्ला, पूजा, अंकित वर्मा, लालजी यादव ने आरोप लगाया है कि 11 सवालों के गलत जवाब देने पर भी नंबर मिला है। अभ्यर्थियों ने यह आरोप भी लगाया है कि कटिंग का नंबर किसी को मिला है किसी को नहीं मिला है। इसके अलावा ओवर राइटिंग का नंबर भी किसी को मिला है और किसी को नहीं मिला है। अधूर जवाब देने पर भी यही स्थिति है। किसी को नंबर मिले हैं और किसी को अंक नहीं दिए गए। अभ्यर्थियों का दावा है कि इन सभी गड़बड़ियों से जुड़े साक्ष्य उनके पास हैं। अभ्यर्थियों ने रविवार को चंद्रशेखर आजाद पार्क में बैठक की और इसके बाद मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। अभ्यर्थियों की मांग है कि जितने अभ्यर्थी कोर्ट गए हैं, उन सभी को नौकरी दी जाए या पूरी परीक्षा का रद्द किया जाए। सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों ने रविवार को सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर भर्ती में बड़े घोटाले का आरोप लगाते हुए सीबीआई से जांच कराने की मांग की। उन्होंने सपा अध्यक्ष को ज्ञापन देकर कहा कि पूरी भर्ती प्रक्रिया में न केवल उत्तर पुस्तिकाओं का गलत मूल्यांकन कर अनुत्तीर्ण किया गया बल्कि कुछ अभ्यर्थियों की कॉपियां भी बदल दी गईं। प्रतिनिधिमंडल में शशांक पाल, पंकज द्विवेदी, तूफान सिंह, जेबा खातून, प्रिया सिंह, पूजा सिंह, राजीव कुमार, जयेंद्र पाल और नवनीत सिंह शामिल थे। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने शिक्षक भर्तियों में बड़े पैमाने पर घोटाला किया है। नियुक्तिप्रक्रिया में धांधली हुई है। बीटीसी शिक्षकों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने अभ्यर्थियों को हरसंभव मदद किए जाने का भरोसा दिलाया। सहायक अध्यापकों की भर्ती परीक्षा में अनियमितता की जांच शुरू हो गई है। सरकार की ओर से गठित उच्चस्तरीय जांच दल के सदस्य सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक डॉ. वेदपति मिश्र और बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने रविवार को इलाहाबाद पहुंचकर जांच शुरू कर दी। भर्ती परीक्षा में अनियमितता से जुड़े दस्तावेज और उत्तर पुस्तिकाएं जलाने के समाचार प्रकाशित होने के बाद विभाग से लेकर सरकार तक में हलचल मच गई। बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने जांच कमेटी के सदस्यों को रविवार को ही परीक्षा नियामक प्राधिकारी दफ्तर पहुंचकर जांच शुरू करने के निर्देश दिए। दोनों सदस्य रविवार दोपहर इलाहाबाद स्थित परीक्षा नियामक प्राधिकारी दफ्तर पहुंचे और सबसे पहले जलाए गए दस्तावेजों की जांच शुरू की। उन्होंने दफ्तर के कर्मचारियों और अधिकारियों से पूछताछ की और रिकॉर्ड खंगाला। दोनों सदस्य रविवार रात तक दफ्तर में जांच करते रहे। सोमवार को वे परीक्षा के आयोजन से लेकर परिणाम जारी करने और नियुक्तियों में हुई अनियमितता की शिकायतों की भी जांच करेंगे। अभ्यर्थियों की ओर से उपलब्ध कराए गए तथ्यों और दस्तावेजों के साथ प्राधिकारी दफ्तर के रिकॉर्ड का मिलान कराया जाएगा। सहायक अध्यापक भर्ती लिखित परीक्षा से लेकर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने में बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारी भी संदेह के घेरे में हैं। जांच कमेटी अनियमितता में परिषद की भूमिका की भी जांच करेगी। हालांकि सरकार ने सपा शासन से लेकर शनिवार तक परिषद के सचिव रहे संजय सिन्हा को हटा दिया है। अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने कहा कि कमेटी की जांच रिपोर्ट में जो भी अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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