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Sunday, March 23, 2025 10:37:24 PM

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योगी सरकार की सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती में विभागीय मंत्री और अधिकारी सरकार की मंशा पर फेर रहे है पानी

योगी सरकार की सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती में विभागीय मंत्री और अधिकारी सरकार की मंशा पर फेर रहे है पानी

योगी सरकार ने युवाओं से जो वादा किया था, उसे निभाना शुरू कर दिया है. युवाओं को रोजगार देने के लिए भर्ती शुरू कर दी लेकिन विभागीय मंत्री और अधिकारी सरकार की मंशा पर पानी फेर रहे हैं. 68500 पदों की जिस शिक्षक भर्ती के लिए सरकार की वाह-वाही होनी चाहिए थी, आज उसी की वजह से फजीहत हो रही है.योगी सरकार की सबसे बड़ी शिक्षक भर्ती शुरू से ही विवादों में है. इसकी बड़ी वजह खुद विभागीय अधिकारी हैं. इन अधिकारियों ने सरकार की कोर्ट से लेकर सड़क तक फजीहत कराई है. बेसिक शिक्षा विभाग ने जब नियुक्ति पाने वाले अभ्यर्थियों की पहली सूची जारी की तो उसमें 6127 अभ्यर्थी बाहर हो गए. बताया गया कि आरक्षण नियमों के चलते ऐसा हुआ है. इसके बाद अभ्यर्थियों ने हंगामा और प्रदर्शन किया तो विभाग बैकफुट पर आया और छूट रहे 6127 अभ्यर्थियों का नाम भी नियुक्ति के लिए काउंसलिंग सूची में शामिल हो गया. अगर विभाग पहले ही सभी अभ्यर्थियों का नाम सूची में शामिल कर लेता तो अभ्यर्थियों को ना तो धरना-प्रदर्शन करना पड़ता और ना ही पुलिस की लाठियां खानी पड़ती. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि इन हालात के जिम्मेदार बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारी हैं.सहायक अध्यापक के 68500 पदों की भर्ती का विज्ञापन जब जनवरी में जारी हुआ तो कटऑफ अंक 40 और 45 फीसदी तय किए गए. लेकिन बाद में इसे परीक्षा से पहले घटाकर 30 और 33 फीसदी कर दिया गया. 27 मई की परीक्षा के बाद कटऑफ घटाने का मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने उस पर स्टे लगा दिया. इसके बाद विभाग ने 40 और 45 फीसदी कटऑफ पर ही रिजल्ट जारी किया. जिससे करीब 27 हजार पद खाली रह गए. हाल ही में जब कटऑफ घटाने के मामले पर कोर्ट में सुनवाई हुई तो अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा भी यह नहीं बता सके कि आखिर कटऑफ क्यों कम किया गया था. इसकी वजह से उन्हें कोर्ट की फटकार भी सुननी पड़ी.इस भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका बदलने तक का मामला सामने आ चुका है. सोनिका देवी नाम की अभ्यर्थी ने जब आंसर-की से आने वाले अंक और असल में मिले अंक देखे तो दोनों में अंतर था. मामला जब हाईकोर्ट पहुंचा तो सामने आया कि सोनिका की कॉपी ही बदल दी गई थी. बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को इसी तरह से आंसर शीट बदलने की आशंका है. इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अगर एक अभ्यर्थी की आंसरशीट बदल दी गई तो बड़ी संख्या में ऐसा गड़बड़ घोटाला किया गया होगा.

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