बहराइच 02 अगस्त। शासन की ओर से निर्देश प्राप्त हुए हैं कि बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों/परिवारों के लिए स्थापित होने वाले राहत कैम्पों के माध्यम से लोगों को अच्छी से अच्छी सुविधाएं प्रदान की जायं जिससे कि आम जनमानस को किसी प्रकार की कोई कठिनाई न हो। बाढ़ राहत कैम्पों के प्रबंधन के सम्बन्ध में जारी शासनादेश में कहा गया है कि कैम्प के संचालन के लिए ऐसे स्थल का चयन किया जाय जो कि आवागमन की दृष्टि से सुगम, बाढ़ क्षेत्र से बाहर एवं ऊॅचाई पर स्थित हो। कैम्प में शरणार्थियों के लिए स्वच्छ बिस्तर, तकिया, चादर एवं चारपाई तथा पंखे आदि की व्यवस्था भी की जाए। इन कैम्पों के संचालन के लिए नायब तहसीलदार से अन्यून अधिकारी को नोडल की जिम्मेदारी सौंपी जाय। शासन की ओर से यह भी निर्देश प्राप्त हुए हैं कि एसडीआरएफ मानक के प्रस्तर-1 ड. की दर के अनुसार राहत कैम्प में स्वच्छ, पोषण युक्त, ताज़ा भोजन की प्रतिदिन दो बार व्यवस्था की जाय। बच्चों एवं वृद्ध के भोजन में केला, दूध, बिस्किट, सत्तू, दलिया आदि को भी सम्मिलित किया जाय। स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था के लिए वाटर एटीएम, कैन, क्लोरीनेटेड वाटर टैंकर के साथ निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए जेनसेट, सोलर लालटेन आदि का भी प्रबन्ध किया जाय। शासन की ओर से प्राप्त निर्देश के अनुसार कैम्प में शरणार्थियों के लिए मनोरंजन कक्ष/स्थल चिन्हित कर उसमें टी.वी., रेडियो, समाचार-पत्र आदि की भी व्यवस्था करायी जाय। बाढ़ राहत केन्द्रों में सुरक्षा के समुचित प्रबन्ध किये जाने के भी निर्देश प्राप्त हुए हैं। यहाॅ पर महिलाओं की विशेष सुरक्षा के लिए महिला गार्ड (होमगार्ड्स/पीआरडी) की नियमित रूप से ड्यूटी लगायी जाय तथा महिला कर्मचारियों के माध्यम से महिलाओं के मध्य सैनेटरी नैपकिन का वितरण तथा डिस्पोज़ल की उचित व्यवस्था करायी जाय। राहत कैम्प में महिलाओं एवं पुरूषों के लिए पृथक-पृथक टाॅयलेट/स्नानघर की व्यवस्था भी की जाय। शासन की ओर से यह भी निर्देश प्राप्त हुए हैं कि राहत कैम्प में मेडिकल कैम्प संचालित कर बच्चों/गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण, पर्याप्त मात्रा में आवश्यक दवाओं, 108/102 एम्बुलेन्स एवं 24 घण्टे चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय। राहत कैम्प में कीटनाशक, चूने आदि का छिड़काव कराया जाए तथा सर्पदंश आदि घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाय। कैम्प संचालन के लिए दिये गये दिशा निर्देशों के अनुसार खाद्य व्यवस्था, मेडिकल सुरक्षा, पेयजल, सैनीटेशन, पशु व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी नामित कर उनके नाम व मोबाइल नम्बर फ्लेक्स बोर्ड/वाल राईटिंग के माध्यम से प्रदर्शित भी किये जायेंगे। राहत कैम्प में पब्लिक एनाउन्समेन्ट सिस्टम स्थापित किया जायेगा, राहत कैम्प में मीडिया ब्रीफिंग के लिए नोडल अधिकारी नामित किया जायेगा। राहत कैम्प में रहने वाले समस्त व्यक्तियों के नाम, पता, फोन नम्बर एवं कैम्प में रहने की अवधि का विवरण भी सुरक्षित रखा जायेगा। इसी प्रकार प्रभावित पशुओं को राहत उपलब्ध कराने के लिए पशु कैम्प की भी स्थापना कर उनके लिए चारे, स्वच्छ पेयजल, टीकाकरण आदि की व्यवस्था की जायेगी तथा कैम्पों में पशु चिकित्सकों की तैनाती भी की जायेगी। बाढ़ के दौरान राहत कैम्प संचालन के सम्बन्ध में बुधवार की देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया कि उप जिलाधिकारी के साथ शासन द्वारा दी गयी व्यवस्था के अनुरूप उचित स्थल का चयन कर बाढ़ राहत कैम्प का संचालन सुनिश्चित करायें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी राम सुरेश वर्मा, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. ए.के. पाण्डेय, जिला विकास अधिकारी वीरेन्द्र सिंह, उप निदेशक कृषि डा. आर.के. सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारी मौजूद रहे।
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