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Sunday, March 23, 2025 6:44:28 AM

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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाय लाभार्थियों का चयन: डीएम

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजनान्तर्गत पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाय लाभार्थियों का चयन: डीएम

बहराइच 27 जुलाई। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के उपघटक ‘‘पर ड्राप मोर क्राप’’ (माइक्रोइरीगेशन) की समीक्षा के लिए वृहस्पतिवार की देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय क्रियान्वयन समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने जिला उद्यान अधिकारी को निर्देश दिया कि योजनान्तर्गत विभिन्न घटकों टपक (ड्राप) तथा स्प्रिंकलर सिंचाई के लिए लाभार्थियों का चयन पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाये। योजनान्तर्गत स्थापित होने वाले संयन्त्रों की उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित कराये जाने के लिए प्रतिष्ठित फर्मांे से ही उपकरणों की खरीद की जाय। उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय योजनाओं का लाभ प्रदान करने में किसानों का किसी भी स्तर पर किसी प्रकार का शोषण नहीं होना चाहिए। जिला उद्यान अधिकारी पारस नाथ ने योजनान्तर्गत प्राप्त भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जनपद में काश्त की जा रही औद्यानिक फसलों जैसे आम, अमरूद, केला, पपीता तथा शाकभाजी व अन्य कम दूरी वाली फसलों आदि में ड्रिप सिंचाई पद्धति स्थापना तथा पत्तेदार सब्जियों व आलू, मटर सहित अन्य सब्जियों तथा कृषि फसलों में स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति उपयोगी होती है। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई पद्यति से न केवल पानी की बचत होती है वरन पौधों को उनकी आवश्कता के अनुसार प्रतिदिन पानी की आवश्यकता पूर्ण होने के साथ-साथ प्रतिदिन पौधों को आवश्यकता के अनुसार आवश्यक तत्वों की फर्टिगेशन भी की जा सकती है जिसका स्पष्ट प्रभाव उत्पादन पर पड़ता है तथा उत्पाद की गुणवत्ता भी श्रेष्ठ होती है। श्री नाथ ने बताया कि उक्त योजना में जनपद के समस्त् विकासखण्ड आच्छादित है। स्वयं की जोत वाला कोई भी किसान इस योजना का लाभार्थी बन सकता है। कृषक प्रक्षेत्रों पर ड्रिप अथवा स्प्रिंकलर स्थापना पर आने वाले व्यय का निर्धारित इकाई लागत के सापेक्ष लघु एवं सीमान्त कृषकों को 90 प्रतिशत एवं अन्य कृषकों को 80 प्रतिशत एवं इसी प्रकार गन्ना, कृषि फसलों पर भी अनुदान/राज्य सहायता अनुमन्य है। लघु सीमान्त कृषकों को अनुदान राशि का 33 प्रतिशत केन्द्र सरकार व 57 प्रतिशत राज्य सरकार कुल 90 प्रतिशत व अन्य कृषकों को 27 प्रतिशत केन्द्र सरकार व 53 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा कुल 80 प्रतिशत वहन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजनान्तर्गत जनपद में औद्यानिक/अन्य कृषि फसलों हेतु समस्त् विकासखण्डों में ड्रिप सिंचाई हेतु 124.00 है., स्प्रिकलंर सिंचाई हेतु 684.00 है.0, प्रशिक्षण हेतु 50 एवं भ्रमण हेतु 25 कृषकों के 06 समूहों को प्रशिक्षण एवं भ्रमण कराया जायेगा। जिसके सापेक्ष औद्यानिक फसले/गन्ना फसल/ व अन्य कृषि फसलों हेतु कुल केन्द्रांश व राज्यांश की कुल धनराशि रू. 247.68 लाख व्यय की जानी है। वर्ष 2018-19 हेतु आॅन-लाइन प्राप्त आवेदन पत्रांे को प्रथम आवक प्रथम पावक के आधार पर लाभार्थियों का चयन किया जाना है। सम्पूर्ण योजना के औद्यानिक एवं कृषि फसलों के सापेेक्ष ड्रिप सिंचाई योजना के अन्तर्गत 648 तथा स्प्रिंकलर सिंचाई हेतु 958 कुल 1606 कृषकों द्वारा आॅन-लाइन पंजीकरण कराया गया है और पंजीकरण की प्रक्रिया अभी भी जारी है। बैठक के दौरान जनपद स्तरीय क्रियान्वयन समिति द्वारा आॅन लाइन पंजीकृत 1606 कृषकों की सूची को अनुमोदित किया गया। साथ ही निर्णय लिया गया कि आगे भी इसी क्रम में होने वाले आॅन लाईन पंजीकृत कृषकों को सम्मिलित किया जाये। बैठक में उपस्थित ग्रामोत्थान स्वयं सेवी संस्था के प्रतिनिधि शक्तिनाथ सिंह, प्रगतिशील कृषक हनुमान प्रसाद शर्मा एवं गुलाम मोहम्मद द्वारा यह सुझाव दिया गया कि यद्यपि किसान किसी भी चिन्ह्ति फर्म से कार्य कराने को स्वतन्त्र हैं तथापि कृषकों द्वारा शासन द्वारा चयनित की गयी फर्मों में से जिन फर्मांे के स्थानीय स्तर पर प्रतिनिधि उपलब्ध हो उनसे ही वरीयता के आधार पर कार्य कराया जाना किसान हित में उचित रहेगा। शक्तिनाथ सिंह व अन्य प्रगतिशील कृषकों ने सुझाव दिया कि जैन इरीगेशन को संयत्र स्थापना हेतु जनपद में वरीयता दी जाये क्योंकि इनकी गुणवत्ता अन्य निर्माता फर्मों से अच्छी है। जिससे संयत्र स्थापना के बाद दिशा-निर्देर्शों के अनुरूप संयत्रों का रखरखाव/पर्यवेक्षणीय कार्य सुचारू रूप से कराया जा सकें। बैठक के दौरान शक्तिनाथ सिंह ने सुझाव दिया स्प्रिंकलर घटक अन्तर्गत मात्र किसान के अंश पर ही जीएसटी को लगाये जाने, किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के मद्देनज़र अंगूर व किन्नों की खेती को बढ़ावा देने, हनुमान प्रसाद शर्मा ने जिले में केले की पैदावार को देखते हुए केला के लिए प्रोसेसिंग प्लान्ट की स्थापना, परवल की खेती को और विस्तार दिये जाने तथा सोलर पम्प पर अनुदान बढ़ाये जाने का सुझाव दिया। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने जिला उद्यान अधिकारी व उपायुक्त जिला उद्योग केन्द्र को निर्देश दिया कि इस सम्बन्ध में अपेक्षित कार्यवाही प्रारम्भ करायें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय, जिला विकास अधिकारी वीरेन्द्र सिंह, पीडी डीआरडीए अनिल कुमार सिंह, उप निदेशक कृषि डा. आर.के. सिंह, नोडल अधिकारी सरयू नहर खण्ड ए.के. सिंह, जिला कृषि अधिकारी राम शिष्ट, लीड बैंक प्रबन्धक श्रवण कुमार व आर.वी.एस. राजपूत, उद्यान निरीक्षक आर.के. वर्मा व अन्य अधिकारी तथा सम्बन्धित लोग मौजूद रहे।

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