बहराइच 26 जुलाई। बाढ़ के दौरान बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाए रखने के उद्देश्य से विकास भवन सभागार में आयोजित कार्यशाला के दौरान जनपद में कार्यशील एन.जी.ओ. द्वारा मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय के समक्ष अपनी कार्ययोजनाएं प्रस्तुत की गयी। बैठक के दौरान बताया गया कि नीति आयोग द्वारा आकांक्षात्मक जिला घोषित हुये बहराइच मंे शिक्षा की दिशा व दशा दोनों ही प्रतिवर्ष घाघरा व सरयू नदी में आने वाली बाढ़ के कारण लगातार संघर्ष की स्थिति में बनी रहती है। बैठक के दौरान यह भी बताया गया कि जिले के 14 में से 7 विकास खंड के 500 से भी अधिक विद्यालय ऐसे हैं जो प्रतिवर्ष बाढ़ की चपेट में आते हैं तथा नदियों के कटाव की वजह से आस-पास के गाँव और परिवार आस पास के किसी सुरक्षित स्थान पर अपना डेरा जमा लेते हैं। परिवार के साथ बच्चे भी पलायन कर जाते हैं जिससे बच्चों की स्कूली शिक्षा प्रभावित होती है। प्रतिवर्ष घटनाआंे की इसी श्रृंखला की वजह से बच्चों के सीखने के स्तर मे बड्ढोत्तरी नहीं हो पाती है। मुख्य विकास अधिकारी राहुल पांडे और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्याम किशोर तिवारी की अगुवाई मंे हुई कार्यशाला के दौरान बाढ़ से प्रभावित उन समस्त 500 विद्यालय तथा उनके समीपस्थ सुरक्षित स्थानों की एक सूची सभी सहयोगी एनजीओ को दी गयी और उनसे इस बात का आव्हान भी किया गया की वे सभी अपने कार्यक्षेत्रों मे पड़ने वाले स्थानों पर बच्चांे के सीखने की प्रक्रिया मंे सहयोगी बने। कार्यशाला के दौरान इस बात पर आम सहमति बनी कि बच्चांे को स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम के इतर व्यावहारिक मुद्दांे पर भी शिक्षा देने की आवश्यकता है जिससे के बच्चे अपने आत्म-विश्वास को बनाए रखें और भावनात्मक रूप से मजबूत रहे। कार्यशाला का संचालन नीति आयोग प्रतिनिधि के रूप मं पिरामल फाउंडेशन के प्रदीप सिंह व उनकी टीम से रूबीन, नूरुल व आशीष ने किया। इस अवसर पर डीडीओ, डीपीआरओ सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे। कार्यशाला में टाटा ट्रस्ट, आगा खान फाउंडेशन, टीसीएल, अपराजिता सामाजिक समिति, पंचशील सेवा समिति, प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन, भारतीय ग्रामोत्थान सेवा समिति आदि ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
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