(रिपोर्ट : डी0पी0श्रीवास्तव )बहराइच। एक ओर जहाँ बकरीद,दुर्गापूजा व दीपावली आदि जैसे त्योहार आने को है वहीं तहसील महसी थाना फखर पुर ग्राम रामपुर किंधौली बहराइच में पानी टंकी के एक निर्माण को लेकर दो प्रधानों के बीच छिड़ी वर्चस्व की जंग से आने वाले दिनों में त्यौहारों की स्थिति को देखते हुवे होने वाले बलबे की उम्मीद से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। मामला तब संज्ञान में आया जब चंद रोज पहले गांव के प्राथमिक पाठशाला के बगल खाली पड़ी लगभग 7-8 बिस्वे जमीन पर पानी टंकी के निर्माण हेतु काम शुरू करवाया जाने लगा। जिसकी जानकारी होने पर ग्रामवासियों द्वारा उप जिलाधिकारी बहराइच को एक रजिस्ट्री के माध्यम से बताया गया कि ग्राम रामापुर किंधौली में गाटा संख्या 168/0.372 नगर पंचायत के अंकित खाते में पंचायत भवन के साथ साथ मंदिर भी बना हुवा है व शेष लगभग 7-8 बिस्वा खाली पड़ी जमीन पर धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजनों के साथ साथ ग्रामवासियों द्वारा शादी विवाह के मौको पर भी उपयोग किया जाता रहा है और इसी गाटा संख्या में वर्तमान ग्राम प्रधान निरंकार शुक्ला पानी टंकी का निर्माण कराना चाहते हैं
जबकि खाली पड़ी भूमि पर दुर्गापूजा कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। शिकायत कर्ताओं द्वारा पानी की टंकी का निर्माण हो जाने से मौके पर कई प्रकार के व्यवधान उत्तपन्न होने की बात भी कही जा रही है। उक्त के सन्दर्भ में जब हमारे जिलाप्रभारी द्वारा मौके पर जाकर मामले का स्थलीय निरीच्छन किया गया तो वहां मौजूद मिस्त्री ने बताया कि यहाँ पर तीन चार जगहों पर स्वेल टेस्ट करने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू करवाया गया था लेकिन कुछ लोगों द्वारा इसका विरोध कर खोदी गई नींव को पाट दिया गया। हम लोग दोबारा कार्य शुरू कर रहे हैं जहाँ हम लोगों के जानमाल का खतरा लगातार बना हुवा है। ग्राम निवासी फकीरे,करण,फूल व हरिश चंद्र आदि द्वारा बताया गया कि जिम्मेदार अधिकारियों के स्थलीय निरीच्छन के बाद ही यहाँ निर्माण कार्य शुरू करवाया गया है। और यहाँ सिर्फ दो वर्षों से ही मूर्ति रक्खी जा रही है। जबकि मिस्त्री द्वारा यह भी बताया गया कि मंदिर के पुजारी के कहने पर एक फिट के बजाय तीन फिट भूमि मंदिर के हवन कुण्ड को बचाने के लिए छोड़ दी गई। वहीँ ग्रामवासी विजय मिश्रा ने बताया कि उक्त निर्माण के सम्बन्ध में प्रस्ताव हेतु बगैर कोई खुली बैठक किये ही लगभग 10000 से ऊपर ग्रामवासी के सापेछ में मात्र 150 ग्रामवासियों के हस्ताच्छर करवाकर कोरम पूरा करने की अफवाह उड़ाई जा रही है। ग्रामवासी पप्पू मिश्रा ने बताया कि स्कूल के दूसरी ओर एक बीघा सात बिस्वा अतिरिक्त भूमि पड़ी हुई है फिर 7-8 बिस्वा की संकुचित भूमि पर निर्माण क्यों करवाया जा रहा है। जबकि उस जमीन के रास्ते के लिए पूर्व प्रधान अयोध्या प्रसाद मिश्रा द्वारा 10 बिस्वा खुद जमीन दान में दी जा रही है। उनके द्वारा सम्पूर्ण मामला वर्तमान प्रधान की हठवादिता बताई गई। कुछ ग्रामवासियों द्वारा यह भी बताया गया कि स्कूल के प्रांगड़ में जहाँ पहले मूर्ति रक्खी जाती थी वहां अतिरिक्त कच्छ बन जाने के कारण विगत दो वर्षों से नगर पंचायत के पीछे स्थित भूमि पर मूर्ति रक्खी जाने लगी थी। जहाँ रामलीला का मंचन होने के साथ साथ कथा,भागवत,शादी विवाह आदि मौको पर भी उक्त भूमि का ही उपयोग होता रहा है। बताया यह भी गया कि बगल के डामर से ही गन्ना लदी ट्रालियों के जाने का मुख्य रास्ता भी है जहाँ बाउंड्रीवाल बन जाने के बाद आये दिन उसके टूटने की शिकायत को लेकर भी स्थित तनाव पूर्ण ही बनी रहेगी। वर्तमान प्रधान ने पूछने पर बताया कि जब टंकी के निर्माण के लिए मुझसे डामर के किनारे की भूमि के चयन की बात कही गई तो मैंने उक्त भूमि का प्रस्ताव करवा दिया। बाकी काम प्रशाशन का है किसी भी मामले में हमारा कोई विरोध नहीं है। जबकि प्रधान के प्रस्ताव बदल देने से दूसरी भूमि पर भी टंकी का निर्माण करवाया जा सकता था। वहीँ ठेकेदार इकबाल का कहना था कि मुझसे विवाद से कोई मतलब नहीं है मुझसे जहाँ निर्माण कार्य करवाने को कहा गया वहां पर मेरा अब तक काफी रुपया खर्च हो चुका है। उन्होंने यह भी कहा की मुझे सिर्फ काम से मतलब है बाकी सब कुछ डीएम,तहसीलदार,नेगपाल व प्रधान जी जाने। लेकिन उक्त निर्माण के लिए जब निर्धारित मानक की बात उनसे पूँछी गई तो वे भी गोल मोल जवाब देते हुवे मामले को घुमाते रहे। और काफी प्रयास करने पर भी तहसीलदार महसी से बात नहीं हो सकी। जबकि नेगपाल का कहना था की मुझे जिस रूप में प्रस्ताव मिला मैंने उसी आधार पर कार्य किया। बाउजूद ज्यादातर लोगों द्वारा सम्पूर्ण मामले को दो प्रधानो के बीच वर्चस्व की जंग बताई गई। फिल हाल मामला जो भी हो लेकिन मौजूदा हालातों व आने वाले आगामी त्योहारों को देखते हुवे मौके पर किसी भी प्रकार के बलबे की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है।
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