बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में कहा कि अभी बीस-बाईस साल तक मैं ही पार्टी अध्यक्ष रहूंगी. उन्होंने कहा, ”अभी मैं अगले लगभग 20-22 सालों तक खुद ही आगे और सक्रिय रहकर पार्टी की गतिविधियों को आगे बढ़ाती रहूंगी. अब ऐसे में अगले लगभग 20-22 सालों तक पार्टी में किसी को भी पार्टी का मुखिया बनने का सपना नहीं देखना चाहिए. न ही किसी को अभी मेरा उत्तराधिकारी बनने का भी सपना देखना चाहिए.”मायावती के अधिवेशन में पार्टी संविधान में संशोधन करके परिवारवाद के अभिशाप से मुक्त रखने का फ़ैसला लिया. उन्होंने अधिवेशन में कहा, ”आगे जो भी पार्टी का अध्यक्ष बनाया जाएगा उसके जीते जी या उसके ना रहने के बाद भी उसके किसी परिवार या रिश्तेदार को पार्टी में जगह नहीं दी जाएगी.”बीएसपी सुप्रीमो ने साफ किया की अभी अगले दो दशक तक वही अध्यक्ष रहेंगी. लेकिन कोई भी राष्ट्रीय अध्यक्ष अगर उम्र के चलते काम करने में कमज़ोर महसूस करेगा तो उसे पार्टी का राष्ट्रीय संरक्षक बना दिया जाएगा. उसके मुताबिक़ ही पार्टी का नया अध्यक्ष काम करेगा. बीएसपी में पहली बार दो नेशनल को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया. वीर सिंह एडवोकेट और जय प्रकाश सिंह को नेशनल को-ऑर्डिनेटर बनाया गया.यूपी में अध्यक्ष की कमान आर एस कुशवाहा को दी गई. वर्तमान अध्यक्ष राम अचल राजभर राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए, वही तीन राज्यों के को-ऑर्डिनेटर भी बनाए गए. इसके अलावा अशोक सिद्धार्थ, दक्षिण के तीन राज्यों के को-ऑर्डिनेटर बनाए गए.मायावती ने कहा कि पार्टी किसी भी राज्य में और किसी भी चुनाव में किसी पार्टी के साथ केवल सम्मानजनक सीटें मिलने पर ही कोई चुनावी गठबन्धन या समझौता करेगी. नहीं तो हमारी पार्टी अकेली ही चुनाव लड़ना ज्यादा बेहतर समझती है.बीएसपी सुप्रीमो ने कहा,‘‘ मैं पार्टी कार्यकर्ताओ का ध्यान जल्द ही लोकसभा के होने वाले आम चुनाव की तरफ और इससे पहले देश के कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों की तरफ भी दिलाना चाहती हूं. कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाने के मामले में बीजेपी की किरकिरी होने की वजह से अब यह पार्टी समय से पहले भी लोकसभा के आम चुनाव करा सकती है.’’
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