लहरपुर ग्रामप्रधान तक की शिकायतों को नही सुना जा रहा तब गरीब राशनकार्ड धारक की कौन सुनेगा। राशन उपभोक्ताओं को कोटेदार नही देता है राशन सामग्री, देता है तो करता है घटतौली और सरकारी दर से अधिक लेता है मूल्य। पूर्ति निरीक्षक/पूर्ति लिपिक राशन दुकान दारों पर नही कर रहे हैं कार्यवाही अवैध वसूली और उसके बदले उनकी शिकायतों को करते है नजर- —–अंदाज। समाधान दिवस पर व खुली बैठक में एक राशन उपभोक्ता ने कोटेदार के खिलाफ राशनसामग्री ना देने की शिकायत की जिसपर पूर्ति निरीक्षक चुप्पी साधे बैठे रहे समाधान दिवस के बाद राशन उपभोक्ता दर दर भटक रहा है पूर्ति निरीक्षक के सामने अपना दर्द बयां करने के बाद भी आज तक कार्यवाही नही की गई। तहसील लहरपुर की राशनवितरण की यह है हकीकत। तहसील लहरपुर में राशन वितरण व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है पूर्ति निरीक्षकों की कार्यप्रणाली के चलते अपात्रों की है पौबारह और पात्र भटकने को है विवश आलम यह है कि कुछ राशन उपभोक्ताओं ने राशन दुकान पर जाना ही छोड़ दिया है उनका दर्द कोई सुनने वाला नहीं है, राशन धारकों का आरोप है की राशनकार्ड पर राशन सामग्री ना देने की शिकायत करते हैं पूर्ति निरीक्षक से तो वह बगैर जांच किए ही अपनी आख्या लगा कर राशन कोटेदार से सांठगांठ कर राशनकार्ड पर वितरण दर्शा दिया जाता है
राशन उपभोक्ता तहसील आकर अपनी शिकायत की जानकारी की तो वह दंग रह गए। राशन धारकों का कहना है राशनदुकानदार अपना राशन उठा कर मनमानी कर वितरण करता है खुले आम घटतौली कर सरकारी दर से अधिक मूल्य लेता है तमाम राशन धारकों का सामान उनको ना देकर कालाबाजारी में बेच रहा है। तहसील की राशनवितरण व्यवस्था का खेल जारी है औ ऐसा लगता है कि एस.डी.एम लहरपुर पर पूर्ति निरीक्षक भारी है और वह मनमानी करने पर उतारू है। राशन धारकों कों से उगाही कर तहसील लहरपुर की राशनवितरण व्यवस्था को ध्वस्त कर रखा है। इसकी जाँच की जाए तो इसे लेने के देने पड सकते है पर सवाल यह उठता है कि इसकी जाँच कौन करेगा?
गौरतलब हो कि तहसील लहरपुर में यहा पूर्ति व्यवस्था बनाए रखने को लेटर दो पूर्ति निरीक्षक वा एक बाबू की तैनाती है। लेकिन राशनवितरण व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है।
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