उत्तर प्रदेश के उन्नाव में नाबालिग किशोरी से रेप और उसके पिता की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सीबीआई द्वारा गिरफ्तार सेंगर को प्राप्त वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस लेने के बाद अब प्रशासन ने उनके शस्त्र लाइसेंस वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत पुलिस ने आरोपी विधायक के रिवॉल्वर, रायफल और बंदूक के लाइसेंस निरस्त करने के लिए कलक्ट्रेट को रिपोर्ट भेज दी है। खबरों के अनुसार पुलिस ने पीड़िता के पिता की हत्या में नामजद विधायक के भाई अतुल सिंह के भी शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस पूरे कांड से जुड़े जिन चार मामलों की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है, उनमें जो भी आरोपी विधायक के करीबी हैं उनके भी शस्त्र लाइसेंस निरस्त किये जाएंगे। इस बीच, रेप कांड की जांच कर रही सीबीआई ने 11 मई को लगातार दूसरे दिन अदालत में पीड़िता की बड़ी बहन की गवाही दर्ज करवायी। इसके लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में पीड़िता के एक चाचा और बड़ी बहन को लखनऊ लाया गया। पीड़िता की दो छोटी बहनों के बयान 14 मई को दर्ज होंगे। इससे पहले पिछले महीने सरकार ने आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की वाई श्रेणी की सुरक्षा सरकार वापस लेने का आदेश जारी किया था। आदेश जारी होने के बाद 20 अप्रैल को उनके घर पर तैनात सुरक्षा कर्मियों को तत्काल वहां से वापस बुला लिया गया था। गौरतलब है कि उन्नाव जिले के बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर नाबालिग लड़की से रेप और उसके पिता की पुलिस हिरासत में हत्या का आरोप लगा है। इस घटना पर देश भर विरोध प्रदर्शन होने के मामले की जांच सीबीआई को दी गई थी। इस समय विधायक कुलदीप सिंह सेंगर जेल में है।
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