बहराइच 22 अप्रैल। विश्व पृथ्वी दिवस वं गंगा सप्तमी के अवसर पर विकास भवन सभागार में आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि विधायक महसी सुरेश्वर सिंह ने कहा कि हमें संकल्प लेना होगा हम सब मिलकर जीवन दायनी पृथ्वी, गंगा व गाॅयों को बचाने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि सभी को इस बात पर गर्व करना चाहिए कि वे एक ऐसे देश भारत के निवासी हैं जहाॅ पर पृथ्वी, गंगा व गाॅय को माता कह कर सम्बोधित किया जाता है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए कटिबद्ध हैं। मुख्य अतिथि ने कहा कि जल संचय तथा बाढ़ की समस्या के स्थायी समाधान के लिए सरकार की योजना है कि सभी नदियों को जोड़ दिया जाय। इस महत्वाकांक्षी योजना से जल संचय के साथ-साथ सूखें की समस्या का स्थायी समाधान तो होगा ही साथ ही एक विस्तृत जलमार्ग का मार्ग भी प्रशस्त होगा जो विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि पृथ्वी की रक्षा के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि हमें पर्यावरण संरक्षण के मद्देनज़र अधिकाधिक संख्या में पंचवटी वृक्षों को लगाना होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रजाति के वृक्ष राउण्ड-द्-क्लाक आक्सीलन उपलब्ध कराते हैं जिससे नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को कम करने में भी मदद मिलती है। श्री सिंह ने लोगों से यह भी कहा कि हमें वृक्ष लगाने से ज्यादा महत्व वृक्ष को बचाने पर देना होगा। गोष्ठी के दौरान श्री सिंह ने सरयू सफाई अभियान से जुड़े लोगों से कहा कि सरयू सफाई अभियान के लिए सरयू विभाग द्वारा प्रेषित कार्ययोजना की प्रति उन्हें उपलब्ध करा दें। वह शासन स्तर पर प्रयास कर परियोजना को स्वीकृत कराने का प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनका प्रयास है कि सरयू में गिरने वाले नालों पर वाटर ट्रीटमेन्ट प्लान्ट की स्थापना हो जाये ताकि सरयू को प्रदूषण से बचाया जा सके। उन्होंने यह भी पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें जैविक खेती की ओर लौटना होगा साथ ही वाहन सहित विलासितापूर्ण संसाधनों के उपयोग में कमी लानी होगी। विधायक महसी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस अभियान अधिकाधिक छात्र-छात्राओं को जोड़ा जाय। मुख्य अतिथि ने बताया कि जनपद में आर्सेनिक की समस्या के निदान के लिए 91 ग्रामों में पेयजल परियोजनाएं संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पेयजल परियोजना के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जाय। उन्होंने यह भी बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र महसी स्थित तटबन्ध के लिए 02 स्पर के निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नवागंतुक मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय ने कहा कि बहराइच प्रदेश के उन चुनिन्दा जनपदों में शामिल है जहाॅ का बड़ा भू-भाग वनो से आच्छादित है। उन्होंने कहा कि विश्व पृथ्वी दिवस मनाने के पीछे का मुख्य उद्देश्य यही है कि लोगों को पृथ्वी संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाय। उन्होंने कहा कि हम सभी को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के अनुकूल कार्य करना होगा और दूसरों को भी प्रेरित करना होगा। गोष्ठी के दौरान उप निदेशक कृषि डा. इार.के. सिंह व नेहरू युवा केन्द्र समन्वयक गोपाल भगत, समाजसेवी पर्यावरण प्रेमी सरदार जोगिन्दर सिंह, योगेन्द्र मणि त्रिपाठी, अजय सिंह, शिव शंकर सिंह, आलोक शुक्ला, राकेश चन्द्र श्रीवास्तव, संजय अवस्थी, संजीव श्रीवास्तव, जितेन्द्र चतुर्वेदी इत्यादि वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में लोगों से अधिकाधिक पौधरोपण करने तथा नदियों को स्वच्छ रखने की अपील की। प्रभागीय वनाधिकारी बहराइच आर.पी. सिंह ने सभी आगन्तुकों का स्वागत करते हुए आयोजन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला जबकि प्रभागीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट ज्ञान प्रकाश सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर कतर्नियाघाट फ्रेन्डस क्लब द्वारा मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। कार्यक्रम का संचालन वन क्षेत्राधिकारी बहराइच डी.के. सिंह ने किया। इस अवसर पर परियोजना निदेशक डीआरडीए अभिमन्यु सिंह, डीसी मनरेगा वीरेन्द्र सिंह, अधि.अभि. जलनिगम बी. राम सहित बड़ी संख्या अन्य अधिकारी व प्राकृति प्रेमी मौजूद रहे।
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