उत्तर प्रदेश में दलित राजनीति तेज हो गई है. अपने ही दलित सांसदों के हमलों से परेशान बीजेपी ने अब दलित सांसद कौशल किशोर का आगे किया है. भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद कौशल किशोर ने रविवार को बसपा सुप्रीमो मायावती पर हमला बोला और बीजेपी सरकार में दलितों को दी जा रही प्राथमिकता गिनाई.सांसद कौशल किशोर ने बिंदुवार अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि मायावती कहना है कि दलितों को न्याय नहीं मिल रहा है, जबकि दलित, जनजाति, गरीब और पिछड़ों को जितना लाभ बीजेपी नेतृत्व वाली देश व प्रदेश सरकार में हो रहा है. उतना पहले कभी नहीं हुआ. घबराई मायावती साजिश के तहत एक सुनियोजित षड्यंत्र रचकर बीजेपी को बदनाम करने का प्रयास कर रही हैं.उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि जिन आईपीसी की धाराओं में सात साल तक की सजा है, उसमें तत्काल गिरफ्तारी नही की जाएगी बल्कि चार्जशीट दाखिल होने के बाद ही गिरफ्तारी हो. ऐसा ही एससी-एसटी में विवेचना के बाद चार्जशीट दाखिल होती है फिर गिरफ्तारी होती है. लेकिन मायावती देश में भ्रम पैदा कर रही हैं कि बीजेपी दलित एक्ट को प्रभावित कर रही है. जबकि बीजेपी दलित एक्ट को कमजोर नहीं कर रही और इसका प्रमाण है कि केन्द्र की बीजेपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की है.उन्होंने कहा कि मायावती को याद रखना चाहिए कि बीजेपी ने तीन बार समर्थन देकर उन्हें मुख्यमंत्री बनाया. जब सपाईयों ने उनकी जान लेने की कोशिश की तो बीजेपी ने उन्हें बचाने का काम किया.कौशल किशोर ने आरोप लगाया कि एससी-एसटी आयोग को उत्तर प्रदेश में कमजोर करने का काम मायावती सरकार में हुआ. दलितों का सबसे ज्यादा नुकसान मायावती ने किया. उन्होंने बाबा साहेब के मिशन को पीछे छोड़ा. वहीं सपा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि सपा की सरकार में एससी/एसटी अधिकारियों को पदावनत किया गया.कौशल किशोर ने कहा कि दरअसल मायावती को डर है कि जैसे 2014 और 2017 में दलितों ने साथ छोड़ दिया है, वैसे ही 2019 में दलित, वंचित पिछडे़ बीजेपी के साथ फिर न जाएं. उन्होंने कहा कि सपा सरकार में दलित अफसर पूरी तरह साइडलाइन थे अब बीजेपी सरकार में उन्हें पूरा महत्व मिल रहा है. सिर्फ पुलिस विभाग में ही 25 उच्च अधिकारी दलित समुदाय से हैं. प्रमुख सचिव स्तर के एक दर्जन से ज्यादा अधिकारी दलित हैं. समाज कल्याण विभाग की ओर छात्रवृत्ति में दलितों का हिस्सा 70 प्रतिशत हो गया है, सपा मैं यह सिर्फ अल्पसंख्यकों को जा रहा था.कौशल किशोर ने कहा कि अति दलितों, अति पिछड़े 15,56 गांव थे, जिसमें पिछली सरकारों में कोई काम नहीं कराया गया था. इस सरकार में वहां सरकार की सारी सुविधाएं पहुंचाई गई. विकास का काम कराया गया. पहली बार सौभाग्य योजना में उत्तर प्रदेश में 32 लाख कनेक्शन दलितों को दिए गए है. 37 लाख नए राशनकार्ड दलितों को बने हैं. 8 लाख 85 हजार प्रधानमंत्री आवास बने हैं, उसमें से करीब 6 लाख 50 हजार आवास दलितों को मिले. 40 लाख शौचालय में से 36 लाख दलितों को मिले.कौशल किशोर ने कहा कि देश की सबसे बड़ी किसान कर्ज माफी योजना में सबसे ज्यादा लाभार्थी दलित समुदाय से हैं. बसपा में इस बात की घबराहट है कि अगर इन योजनाओं के लाभार्थी परिवार सहित बीजेपी की तरफ हो गए तो उनके लिए मुश्किल हो जाएगी. इसलिए 14 अप्रैल को बाबा साहब भीमराव रामजी आंबेडकर के जन्मदिवस पर दलित संगठन योगी आदित्यनाथ को दलित मित्र का सम्मान देना चाहते हैं.उन्होंने पूछा कि मायावती को दलित हितों की चिंता हो रही है तो वह सपा से हाथ क्यों मिला रही हैं, जिसके नेताओं ने दलितों का सबसे ज्यादा उत्पीड़न किया था. जो दलित महापुरूषों के स्मारक तोड़ने की बात करते थे.कौशल किशोर ने कहा कि मैं खुद दलित समुदाय से हूं. पुलिस प्रशासन सब जगह दलित समुदाय के अधिकारियों का पूरा सम्मान है. मायावती अगर अखबार ठीक से पढ़ें तो शायद उन्हें इतना असत्य बोलने की हिम्मत नहीं होती.
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