महराजगंज। नौतनवा तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत विषखोप के ग्रामीणों ने मनोज यादव के नेतृत्व में मंगलवार को तहसील दिवस पर एसडीएम को लेखपाल के विरुद्ध एक शिकायती पत्र सौंपा।
एसडीएम को दिए गए शिकायती पत्र में ग्रामीणों ने लिखा है कि क्षेत्रीय लेखपाल जैनुद्दीन द्वारा गरीब किसानों का शोषण व उनसे धन उगाही किया जाता है।
ग्रामीणों ने लिखा है कि अगर किसी भी संबंधित कार्य से उक्त लेखपाल को बुलाया जाता है तो वह सबसे पहले गरीब लोगों से पैसे तथा शराब की डिमांड करते हुए उनका कार्य करने का आश्वासन देता है, लेकिन वह कार्य भी लोगों का समयानुसार नहीं करता है जिससे क्षेत्रीय जनता परेशान हैं।
एसडीएम को दिए गए शिकायती पत्र में ग्रामीणों ने लिखा है कि ग्राम पंचायत विषखोप में बाढ़ से पूरी तरह धान की फसल बर्बाद हो गयी थी लोगों को खाने की किल्लत होने लगी थी उसी बीच लेखपाल जैनुद्दीन व उसका मुंशी मुखलाल हमारे गांव में आकर लोगों से दो सौ रुपए का डिमांड करने लगे और कहा कि जो पैसा देगा उसी को बाढ़ की सहायता राशि दी जायेगी।
परेशानियों का हवाला देते हुए जब ग्रामीणों ने उसे पैसा नहीं दिया तो उसने उन ग्रामीणों का रजिस्ट्रेशन ही नहीं करवाया जिससे बाढ़ से प्रभावित लोग सहायता राशि पाने से वंचित रह गए, तथा लेखपाल द्वारा पैसे लेकर अपात्रों को सहायता राशि दे दी गई।
साथ ही विषखोप के ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि ठंड के मौसम में कुछ गरीब लोगों के लिए कंबल वितरित करने के लिए कहा गया लेकिन लेखपाल ने एक भी गरीबों को कंबल वितरित नहीं किया।
ग्राम पंचायत में स्थित एक पोखरी पर कुछ लोगों द्वारा किया गया अतिक्रमण हटाने को लेकर भी शिकायत किया गया परंतु वह अतिक्रमण अभी तक नहीं हटवाया गया। साथ ही लोगों ने ग्राम पंचायत में स्थित चकरोड एक व्यक्ति से पैसे लेकर उसे कब्जा कराने का भी आरोप लगाया।
ग्रामीणों का यह भी शिकायत रहा कि ओसियत के नाम पर लेखपाल जैनुद्दीन व मुखलाल मुंशी द्वारा गरीब लोगों से दो हजार रुपये का मांग किया जाता है जो व्यक्ति उन्हें पैसे नहीं देते उनका ओसियत नहीं किया जाता और उन्हें दौडाया जाता है।
ग्रामीणों ने बताया कि यह शराबी लेखपाल एसडीएम के आदेशों को भी ताख पर रख क्षेत्र में अपनी मनमानी करने पर आमदा रहता है, लोगों ने कहा कि पंचायत भवन की जमीन नापने को लेकर कुछ समय पहले एसडीएम नौतनवां को एक पत्र दिया गया था जिसपर एसडीएम द्वारा सत्यापित कर जमीन नापने के आदेश जारी किए जाने के बाद भी लेखपाल द्वारा उस आदेश को नजरअंदाज कर दिया गया और पंचायत भवन की जमीन अभी भी नहीं नापी गई।
ग्रामीणों ने सबसे आश्चर्य की बात यह बताया कि यह लेखपाल हमेशा शराब के नशे में धुत्त रहता है, और इसका संपूर्ण कार्य एक प्राईवेट आदमी मुखलाल ही देखता है और वह क्षेत्र में लोगों से अपने आप को लेखपाल होने का हवाला देकर मोटी रकम वसूल करता है, जिसमें दोनों की हिस्सेदारी होती है।
आश्चर्य की बात तो यह है कि अगर ऐसे गैर जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी जिस क्षेत्र में तैनात हो भला उन क्षेत्रवासियों की क्या समस्या सुलझेगी यह विचारणीय प्रश्न है।
उपरोक्त सभी समस्याओं को लेकर ग्रामीण प्रदर्शन करने का मन बना चुके थे, परंतु तहसीलदार नौतनवां अशोक कुमार के आश्वासन पर ग्रामीण किसी तरह शांत हुए।
इस दौरान सोहन, चतुर्गन,नरेश, टासे जय गोविंद, सत्य प्रकाश सहित चार दर्जन लोग मौजूद रहे।
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