बहराइच 28 फरवरी। जिलाधिकारी शम्भु कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को देर शाम जिला पोषण समिति/कन्वर्जन्स समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डा राजेश मोहन श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. डी.के. सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. बलवन्त सिंह, जिला विकास अधिकारी राजेश कुमार मिश्र, जिला विद्यालय निरीक्षण राजेन्द्र कुमार पाण्डेय, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी दिनेश कुमार यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी जी.डी. यादव, जिला उद्यान अधिकारी पारसनाथ तथा राजस्व गांव को गोद लेने वाले सम्बन्धित अधिकारी, प्रभारी चिकित्साधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
बैठक में विगत 25 फरवरी 2021 को नीति आयोग के उपाध्यक्ष द्वारा ग्राम परसेण्डी के आंगनबाड़ी केन्द्र व 50 बेडेड मेटर्निटीविंग कैसरगंज में स्थापित मुख्यमंत्री सुपोषण घर के निरीक्षण के दौरान पायी गयी स्थिति के अनुसार जनपद के समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों का इन्फ्राटेक्चर तैयार करने के जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिये गये। सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर फर्श पर टाइल्स, साफ-सफाई, बाला पेन्टिंग, विद्युत व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल, हैण्डवास, शौचालय, चटाई, कुर्सी-मेज, वीईंग मशीन, खिलौने इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाय।
बाल विकास परियोजना अधिकारियों को सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर प्री-स्कूल एजुकेशन के लागू करने के निर्देश दिये गये। साथ ही आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में प्री-स्कूल का स्टाल भी लगाया जाय। समस्त ब्लाकों एवं जनपद स्तर पर एक प्री-स्कूल एजुकेशन लार्निंग लैब भी बनाया जाय। इस सम्बंध में जिला विकास अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को स्थल की व्यवस्था कराने के निर्देश दिये गये। जिलाधिकारी श्री कुमार ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि प्रभारी चिकित्साधिकारियों व आयुष चिकित्सकों के सहयोग से प्रत्येक सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर हर्बल गार्डेन विकसित करायें।
सुपोषित गांवों की समीक्षा में पाया गया कि जनवरी 2021 तक 84 ग्रामों के सापेक्ष 63 ग्राम कुपोषण मुक्त हो गये है। अवशेष 21 ग्रामों को माह मार्च 2021 तक कुपोषण मुक्त करने के निर्देश दिये गये। जनपद में 200 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर फन्डेड पोषण वाटिका की स्थापना के तहत 193 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर क्यारियां तैयार कर 125 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पौधरोपण भी किया जा चुका है। अवशेष पर यथाशीघ्र पौध रोपण कराये जाने के निर्देश दिये। इसके अलावा बैठक में जिला पोषण पुनर्वास केन्द्र, मुख्यमंत्री सुपोषण घर, कुपोषित परिवारों के बच्चों में गाय वितरण, अल्प वजन की गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का चिन्हांकन इत्यादि की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
व्हाट्सएप पर शेयर करें
No Comments






