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Sunday, April 20, 2025 3:01:27 AM

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डीएम ने किया ‘‘संचारी रोग नियंत्रण माह’’ का शुभारम्भ

डीएम ने किया ‘‘संचारी रोग नियंत्रण माह’’ का शुभारम्भ
से बेखौफ खबर के लिए स्वतंत्र पत्रकार राजकुमार गुप्ता की रिपोर्ट

बहराइच 01 मार्च। संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्य से जनपद में 01 मार्च से 31 मार्च 2021 तक संचालित होने वाले ‘‘संचारी रोग नियंत्रण माह‘‘ के शुभारम्भ अवसर पर जिलाधिकारी शम्भु कुमार ने कलेक्ट्रेट परिसर बहराइच से ‘‘संचारी रोग नियंत्रण माह जागरूकता रैली’’ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. राजेश मोहन श्रीवास्तव, ए.सी.एम.ओ. डाॅ. अनिल कुमार, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डाॅ. अजीत चन्द्रा, डी.डी.एच.ई.आई.ओ. बृजेश सिंह व अन्य सम्बन्धित लोग मौजूद रहे।
इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री कुमार ने बताया कि संचारी रोगों के नियंत्रण के उद्देश्य से जनपद में 01 से 31 मार्च 2021 तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान संचालित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत आशा, आंगनबाड़ी की महिलाएं गाॅव-गाॅव में घर-घर पहुॅच कर लोगों को संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार के प्रति जागरूक करेंगी और यदि कोई व्यक्ति प्रभावित पाया जाता है तो उसे अस्पताल रेफर करायेंगी। श्री कुमार ने बताया कि अभियान अवधि में अन्य विभागों द्वारा साफ-सफाई अभियान, फागिंग तथा एण्टीलार्वल का छिड़काव सहित अन्य गतिविधियाॅ संचालित कर यह सुनिश्चित किया जायेगा कि जिले में संचारी रोगों पर नियंत्रण रहे।
जिलाधिकारी ने कहा कि दिमागी बुखार एक जानलेवा बीमारी है। यह मच्छरों के काटने एवं दूषित पानी का उपयोग खाना बनाने एवं पीने में करने से फैलती है। अधिकांशतः 15 वर्ष की आयु तक के बच्चे इस रोग से ग्रसित होते हैं। उन्होंने बताया कि अचानक तेज़ बुखार आना, मरीज़ के व्यवहार में अचानक परिवर्तन का आना, मरीज़ का पूरी तरह होशो हवास में न होना तथा मरीज़ को पहली बार झटके आना दिमागी बुखार/नवकी बिमारी के लक्षण हैं। यदि किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखाई दे तो उसे तुरन्त सरकारी अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जायें।
जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की कि पाईप पेयजल योजना के नल के पानी का उपयोग खाना बनाने एवं पीने में करें। पाईप लाईन में किसी प्रकार की टूट फूट होने पर तुरन्त मरम्मत कराये जिससे गन्दा पानी पाईप में प्रवेश न कर सके। पाईप पेयजल योजना न होने पर इण्डिया मार्का-2 हैण्डपम्प के पानी का उपयोग खाना बनाने एवं पीने में करें। हैण्डपम्प के आस-पास साफ-सफाई रखें। जिलाधिकारी ने लोगों को सुझाव दिया है कि घर के आस-पास कूड़ा इकट्ठा न होने दें। नालियों का बहाव बना रहे इसके लिये नालियों को साफ रखा जाय, क्योंकि बहते हुए पानी में मच्छर अण्डें नहीं दे पाते हैं।
स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की कि शौच के लिए शौचालय का उपयोग करें। शौच के बाद व भोजन करने से पहले साबुन से हाथ अवश्य धोयें। घर के आस-पास जल निकासी का उचित प्रबन्ध करें जिससे पानी का जमाव न हो। क्सोंकि ठहरे हुए पानी में मच्छर अण्डे देते हैं। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। प्रातः एवं साॅयकाल जब मच्छर अधिक सक्रिय होते हैं, उस समय शरीर को पूरा ढक कर रखें। बच्चों को पूरे आस्तीन की कमीज़, फुल पैंट एवं मोज़े पहनायें। जापानीज़ इन्सेफेलाइटिस (जे.ई.) विषाणु से बचाव के लिए बच्चों को दिमागी बुखार का टीका अवश्य लगवायें। दिमागी बुखार के सम्बन्ध में अपने नज़दीकी अस्पताल/स्वास्थ्य केन्द्र से तत्काल सम्पर्क करें। मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण माह जिला मुख्यालय सहित ब्लाक स्तर पर भी जागरूकता वाहन रैली निकाल कर लोगों को दिमागी बुखार के प्रति जागरूक किया जायेगा।

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